फूट सकता है भुक्तभोगियों का गुस्सा

कोलकाता। राज्य के सीमांत अंचलों में हाथियों का उत्पात कम नहीं हो रहा है। ऐसे में  जंगली हाथियों के उत्पात से किसान तबाही के शिकार हो रहें है औऱ उनका गुस्सा कभी भी फूट सकता है। बानरहाट रेंज के रेती फॉरेस्ट विलेज के किसान लगातार जंगली हाथियों द्वारा फसल नष्ट किए जाने से काफी चिंतितहै। किसानों का कहना है कि वन विभाग इस मुद्दे को गंभीरते से नहीं ले रहा है। बताया गया कि पहले इस बस्ती के किसान धान व भुट्टा आदि की खेती करते थे और भोजन की तलाश में जंगली हाथी लगातार इन खेतों को चट कर जाते थे। लेकिन वन विभाग ने हाथी के हमले से खेत को बचाने के लिए वैकल्पिक खेती का सुझाव दिया। अब वहां के किसानों ने सुपारी की खेती की लेकिन आरोप है कि अब भी हाथी का हमला कम नहीं हुआ। हाथी सुपारी के पेड़ के कोमल हिस्सों को अपना भोजन बना रहे है। रेती फॉरेस्ट विलेज के किसान एवं स्थानीय लोगों का कहना है कि वन विभाग इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रहा है। जिससे वे अपनी जान व माल की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित है।बानरहाट रेंज के वनाधिकारी दुलाल सरकार ने बताया कि यह विषय काफी चिंताजनकहै। रेती इलाका काफी दुर्गम होने के कारण वन कर्मी कई बार समय पर घटनास्थल नहीं पहुंच पाते है। रेती नदी को पार करके इलाके में पहुंच पाना कई बार असंभव हो जाता है। उन्होने आगे कहा कि समस्या से आला अधिकारियों को अवगत कराया गया है।

 

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