कोलकाता। तकनीक का हाथ पकड़कर तेजी से विकसित होती दुनिया के साथ तेजी से बढ़ती जा रही फर्जी खबरों को लेकर अमरीकी विशेषज्ञों ने सचेत किया है। आज प्रेस क्लब कोलकाता में इसे लेकर एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। अमेरिकन सेंटर के सहयोग से आयोजित इस वर्कशॉप में संयुक्त राज्य अमेरिका में पॉइंटर यूनिवर्सिटी के ”रिसोर्स पर्सन” ब्रिटनी कोलार ने स्पष्ट किया कि फेक न्यूज का प्रसार किसी न हो यह देखना होगा। फेक न्यूज स्वीकार नहीं है। प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रोफेसर स्नेहाशीष सूर ने कार्यशाला की शुरुआत में चर्चा का माहौल तैयार किया। उनके शब्दों में, फेक न्यूज जैसी कोई चीज नहीं होती है। समाचार सत्य, आधारित होना चाहिए। आपको अनुभव और सावधानी के साथ असंख्य झूठी सूचनाओं में से चुनना होगा। यह अब ”मीडिया साक्षरता” की मूल शर्त बन गई है। सही खबर देना हमारी जिम्मेदारी है। इसके लिए कुछ तकनीकी फिल्टर का उपयोग अपनी समझ से करना होगा।
विश्व प्रसिद्ध मीडिया अनुसंधान संस्थान ”पॉइंटर” की विशेषज्ञ-शोधकर्ता ब्रिटनी कोलार ने ”तथ्य जांच और सामग्री सत्यापन” शीर्षक से अपनी कार्यशाला में इनमें से प्रत्येक फ़िल्टर के बारे में जानकारी दी। 13 साल तक सीएनएन में विभिन्न स्तरों पर काम करने वाले ब्रिटनी ने कहा कि नकली सामान असली सामान के साथ मिल रहा है, जिसे कभी-कभी पकड़ना मुश्किल होता है। इसलिए पेशेवर तथ्य-जांचकर्ता बनाए जा रहे हैं। पावर प्वाइंट में गलत सूचना और दुष्प्रचार के बीच अंतर के विभिन्न उदाहरण दिखाते हुए उन्होंने कहा कि आसपास के समाचारों का स्रोत और सत्यता जांचनी बेहद जरूरी है। वर्कशॉप की शुरुआत में कोलकाता में अमेरिकन सेंटर के डिप्टी डायरेक्टर मैथ्यू बिकॉफ ने कहा कि अमेरिका और भारत ने राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे कर लिए हैं। यह हमारा गौरव है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, प्रेस की स्वतंत्रता -हम फर्जी खबरों के खिलाफ निरंतर लड़ाई में विश्वास करते हैं।

Spread the love
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •