राज्य के तीनों सीटों पर लहराया तृणमूल का परचम
दीदी ने लिया नंदीग्राम में हार का बदला

कोलकाता। उप चुनाव में राज्य की तीन सीटों पर तृणमूल ने जीत दर्ज करते हुए अपना परचम लहराया वहीं भवानीपुर विधानसभा में व्यापक वोटों के अंतर से जीत कर  पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साबित किया कि बंगाल में फिलहाल उनके मुकाबले कोई नहीं है। ममता बनर्जी ने अपने निकटम प्रतिद्वंदी व भाजपा उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल को रिकॉर्ड 58,832 वोटों के भारी अंतर से हराया है।वैसे ममता बनर्जी को नंदीग्राम में हार का जो गम मिला था उसे उन्होंने भवानीपुर में धमाकेदार जीत के साथ भुला दिया है। ममता बनर्जी ने अपनी कुर्सी से खतरे को खत्म कर दिया है। नंदीग्राम में हार के बाद मुख्यमंत्री बनीं ममता के लिए 5 नवंबर से पहले विधानसभा में पहुंचना जरूरी था। ममता इससे पहले भी दो बार इस सीट से जीत दर्ज कर चुकी हैं, लेकिन वोटों के अंतर के लिहाज से यह उनकी सबसे बड़ी जीत है।इधर भवानीपुर उपचुनाव में भारी मतों से जीत के बाद ममता बनर्जी ने बीजेपी के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा कि जनता ने उनके खिलाफ की गई तमाम साजिशों को नाकाम किया। ममता ने यह भी बताया कि नंदीग्राम में कई वजहों से वह जीत हासिल नहीं कर पाईं और इस बार भवानीपुर में वह हर वॉर्ड में जीती हैं। बता दें कि बंगाल विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम से चुनाव लड़ने वालीं ममता बनर्जी को उन्हीं के पूर्व सहयोगी और बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने हरा दिया था। इसके बाद सीएम बने रहने के लिए ममता बनर्जी का भवानीपुर से चुनाव जीतना जरूरी थी।ममता ने यह भी कहा कि भवानीपुर जैसी छोटी जगह पर 3500 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी भेजे गए। ममता ने शुक्रिया किया कि जनता ने सभी साजिशों को नाकाम किया। ममता ने यह भी कहा कि भवानीपुर में 46 फीसदी आबादी गैर-बंगाली हैं, इसके बावजूद उन्हें इतनी बड़ी जीत मिली है। ममता ने कहा, ‘जब बंगाल का चुनाव शुरू हुआ था तब से हमारी पार्टी के खिलाफ बहुत षड़यंत्र हुआ था। केंद्र सरकार ने षड़यंत्र करके हमलोगों को हटाने का बंदोबस्त किया था, लेकिन मैं जनता की आभारी हूं कि जनता ने हमें जिताया। मैंने खुद चुनाव लड़ा था लेकिन अभी वो मामला न्यायालय में है।’ममता ने आखिर में लोगों से विजय जुलूस न निकालने की अपील की। ममता बनर्जी ने कहा कि भवानीपुर में बारिश की वजह से वोटिंग कम हुई लेकिन वह किसी भी वॉर्ड में नहीं हारी। हमारी पार्टी के खिलाफ साजिश हुई। वहीं, ममता के खिलाफ खड़ीं बीजेपी उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल ने कहा कि ममता कैसे जीतीं यह सबने देखा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह हार को शालीनता से स्वीकार करती हैं। प्रियंका टिबरेवाल को 26 हजार से ज्यादा वोट मिले। बता दें कि ममता बनर्जी पिछले दो चुनाव वह अपने घर की सीट भवानीपुर से जीतती रही हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी नंदीग्राम से चुनाव लड़ीं थीं और वह शुभेंदु अधिकारी के हाथों पराजित हुई थीं, लेकिन विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करारी हार मिली थी और टीएमसी ने 213 सीटों पर जीत हासिल की थी और ममता बनर्जी तीसरी बार सीएम बनी थीं.बता दें कि पश्चिम बंगाल की तीन सीटों भवानीपुर, समशेरगंज और जंगीपुर में उपचुनाव हुए थे. भवानीपुरी में जीत के साथ ही इन दोनों विधानसभा सीटों पर टीएमसी की जीत हुई है। वैसे आज दोपहर से ही ममता बनर्जी की जीत की बढ़त के बाद से ही कालीघाट स्थित ममता बनर्जी के कार्यालय सहित राज्य के विभिन्न इलाकों में जश्न शुरू हो गया था।  इसे लेकर चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि कोरोना महामारी के मद्देनजर विजय जुलूस नहीं निकाले जाएं। इसे लेकर राज्य सरकार कदम उठाए, हालांकि इसके बाद ममता बनर्जी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया था कि कोई विजय जुलूस नहीं निकाले। 2021 में इस सीट पर टीएमसी के शोभनदेव चट्टोपाध्याय लड़े थे. शोभनदेव को 73,505 वोट मिले थे। यह कुल वोट का 57.71 फीसदी था. वहीं बीजेपी की रुद्रानी घोष को 44,786 वोट मिले जो 35.16 फीसदी था। कांग्रेस का परफॉर्मेंस बेहद खराब रहा। उनके प्रत्याशी मो. शादाब खान को महज 5,211 वोटों से ही संतोष करना पड़ा था। हालांकि शोभनदेव ने ममता बनर्जी के लिए इस सीट से इस्तीफा दे दिया था और उनके इस्तीफे के कारण ही भवानीपुर में उपचुनाव हुए हैं।इसके पहले ममता बनर्जी दो बार भवानीपुर से चुनाव जीत चुकी हैं।साल 2011 में सत्ता में आने के बाद ममता बनर्जी ने भवानीपुर से ही उपचुनाव जीत कर विधानसभा की सदस्य बनी थीं।

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