“वैसे तो दानिश अली की उंगलिया कम्प्यूटर पर कलाकारी करती है। लेकिन दानिश का मन खबरों में समाया रहता है। शायद यही कारण है कि यह युवा मिजाज अपने हौंसले को कलम के सहारे भी उड़ान देता है-सम्पादक” ।

दानिश अली

होली का नाम सामने आते ही रंगों की मस्ती का आभाष होता है। इस देश में होली आपसी प्रेम का प्रतिक भी है तो यह पर्व अनेकता में एकता का संदेश भी देता है। क्या आप जानते है कि भारत में होली का उत्सव अलग-अलग प्रदेशों कैसे मनाया जाता है। अगर नहीं तो जानिये किस राज्य में होली कैसे मनायी जाती है। ब्रज की होली आज भी सारे देश के आकर्षण का बिंदु होती है। बरसाने की लठमार होली काफ़ी प्रसिद्ध है। इसमें पुरुष महिलाओं पर रंग डालते हैं और महिलाएं उन्हें लाठियों तथा कपड़े के बनाए गए कोड़ों से मारती हैं।  मथुरा और वृंदावन में  15 दिनों तक होली का पर्व मनाया जाता है।

कुमाऊं कीगीत बैठकी में शास्त्रीय संगीत की गोष्ठियां होती हैं। यह सब होली के कई दिनों पहले शुरू हो जाता है। हरियाणा की धुलंडी में भाभी द्वारा देवर को सताए जाने की प्रथा है। बंगाल में होली को दोल जात्रा कहते है।  दोल जात्रा चैतन्य महाप्रभु के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। जलूस निकलते हैं और गाना बजाना भी साथ रहता है। महाराष्ट्र की रंग पंचमी में सूखा गुलाल खेलने की परम्परा है। गोवा के शिमगो में जलूस निकालने के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। पंजाब के होला मोहल्ला में सिक्खों द्वारा शक्ति प्रदर्शन की परंपरा है। तमिलनाडु की कमन पोडिगई मुख्य रूप से कामदेव की कथा पर आधारित वसंतोत्सव मनायी जाती है। मणिपुर के याओसांग में योंगसांग उस नन्हीं झोंपड़ी का नाम है जो पूर्णिमा के दिन प्रत्येक नगर-ग्राम में नदी अथवा सरोवर के तट पर बनाई जाती है। गुजरात में प्रायः सभी होली खेलते है लेकिन यहां के आदिवासियों के लिए होली सबसे बड़ा पर्व है। छत्तीसगढ़ की होरी में लोक गीतों की अद्भुत परंपरा है। मध्यप्रदेश के मालवा अंचल के आदिवासी इलाकों में बेहद धूमधाम से मनाया जाता है भगोरिया  जो होली का ही एक रूप है।बिहार का फगुआ जम कर मौज मस्ती करने का पर्व है । इस राज्य की होली की बात अलग है।

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