राधा बागड़ी व कृष्ण सहित तीन के खिलाफ एफआईआर
बनी 11 मंत्रियों की एक क्राइसिस मैनेजमेंट टीम
इस बाजार में की गयी थी अग्निशमन की अवहेलना
बाजार के मालिकों की तलाश में छापे जारी

जगदीश यादव
कोलकाता। बागड़ी मार्केट को आज भी राहत नही मिली थी। शनिवार देर रात बागड़ी मार्केट की पांच मंजिला इमारत में लगी आग तीसरे दिन भी जल रही है। आज सुबह पांचवी मंजिल की खिड़कियों और दीवारों से आग की लपटें और धुआं निकलती रही है। इस बीच पहले तल्ले पर मौजूद दुकानों की छत टूटकर गिरने लगी है। अग्निशमन विभाग के उप निदेशक तुषार कांति सेन ने बताया कि आज सुबह से इमारत में मौजूद रेलिंग को काटकर आग को पूरी तरह से बुझाने का काम शुरू हुआ है। उन्होंने बताया कि चौथी मंजिल और पांचवी मंजिल पर सोमवार शाम नए सिरे से आग भड़कने लगी थीं| हालांकि दमकलकर्मियों की मौजूदगी की वजह से आग फैली नहीं, लेकिन इमारत के अंदर मौजूद चीजों के ज्वलनशील होने की वजह से रह-रहकर चौथी और पांचवीं मंजिल में आग लगती रही। आज सुबह तक इसे लगभग नियंत्रित कर लिया गया है| हालांकि अभी भी आग पूरी तरह से बुझी नहीं है। वहीं दमकल महानिदेशक (दमकल) ने जगमोहन ने बताया कि विभाग के द्वारा मार्केट की एक अन्यतम साझीदार कहे जानेवाली राधा बागड़ी, सीईओ कृष्ण कुमार कोठारी उर्फ कालू कोठारी सहित कुल तीन लोगों के खिलाफ दमकल द्वारा एफआईआर दर्ज कराया गया है। क्यों कि इनलोगों ने अग्निशमन नियमों की अवहेलना की है। हम अपना काम कर रहे है और कानून भी अपनी राह चलेगा। दमकलमंत्री शोभन चटर्जी ने बताया कि राधा बागड़ी, सीईओ कृष्ण कुमार कोठारी उर्फ कालू कोठारी सहित कुल तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर हुआ है। कोलकात पुलिस इनलोगों को हर सम्भावित जगहों पर तलाश रही है। उनके बालीगंज निवास पर भी छापे मारे गये थें। लेकिन उक्त लोग नहीं मिले। लेकिन पुलिस इन्हें हर हाल में गिरफ्तार करेगी। आज ही बागड़ी मार्केट में फारेंसिंक के अधिकारी पहुंचे व उन्होंने वहां के मलवे से नमूना एकत्र किया। फारेंसिक की रिपोर्ट के बाद ही कई चीजों का खुलासा होगा। राज्य सचिवालय में सीएम ममता बनर्जी की गौर मौजूदगी में अग्निकांड पर एक जरुरी बैठक की गयी तो नगर निगम में भी बागड़ी मार्केट मामले पर जरुरी बैठक को अंजाम देने की खबर है। दमकल विभाग के अनुसार पर्याप्त जगह की कमी के कारण आग बुझाने के काम को बल नहीं मिल पा रहा है। आग को तत्काल काबू में करने लिए अंदर दाखिल होना बेहद जरूरी है। लेकिन चूंकि तंग गलियां हैं और बिल्डिंग के सामने और पीछे के हिस्से के अलावा पानी की धार को अंदर पहुंचाने का और कोई विकल्प नहीं है। जबकि इन दो हिस्सों में भी छोटी-छोटी खिड़कियां हैं, जिनसे तेजी से आग की लपटें निकल रही हैं। उनका कहना है कि बिल्डिंग के बगल के हिस्सों में यदि जगह होती तो आग बुझाने के काम को काफी बल मिलता।एक बार फिर आरोप लगाकर कहा गया है कि दुकानों के भीतर भारी मात्रा में ज्वलनशील सामग्री होने के कारण आग फैली है। ज्यादातर दुकानों के शटर बंद हैं। इस वजह से उन्हें दिक्कत हो रही है। इसके बावजूद वे आग बुझाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं। इधर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की गैर मौजूदगी में शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम समेत 11 मंत्रियों की एक क्राइसिस मैनेजमेंट टीम बनाई है। किसी भी तरह की आपातकालीन परिस्थिति से निपटने संबंधी फैसला यह टीम लेगी। इस बीच टीम में शामिल सभी मंत्रियों ने बागड़ी मार्केट आग को लेकर राज्य सचिवालय नवान्न में बैठक की है। इस बैठक में चर्चा के दौरान मार्केट में लगी आग को लेकर नगर निगम और अग्निशमन विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। इसमें कोलकाता नगर निगम के मेयर और राज्य के अग्निशमन मंत्री शोभन चटर्जी भी मौजूद थे। पूरी चर्चा के दौरान इस बात का खुलासा हुआ है कि बागड़ी मार्केट में कई ऐसे कारोबारी थे जिन्हें ट्रेड लाइसेंस नहीं मिला था बावजूद इसके वे दुकान भाड़े पर लेकर करोड़ों का कारोबार लंबे समय से कर रहे थे। नगर निगम की टीम को उनके बारे में जानकारी भी थी फिर भी उन्हें कारोबार करने दिया गया। इसके अलावा जब आग लगी तो पता चला कि वहां मौजूद अग्निशमन के लिए लगाए 50 से अधिक यंत्र एक्सपायर हो चुके थे। मार्केट की छत पर मौजूद टंकी में एक बूंद भी पानी नहीं था क्योंकि पिछले डेढ़ महीने से मोटर खराब पड़ा था। इसके लिए वहां कारोबार करने वाले व्यवसाइयों से बागड़ी इमारत की मालकिन राधा बागड़ी ने 25 ₹25000‌ रुपये की वसूली भी कर चुकी थीं। इसके अलावा इमारत मेंटेनेंश के नाम पर कारोबारियों से हजारों रुपये प्रति महीने लिया जाता रहा है लेकिन वहां अग्निशमन व्यवस्था दुरुस्त नहीं की गई और ना ही आपातकालीन परिस्थिति में आग लगने पर वहां मौजूद टंकी में पानी मिला। यहां तक कि किसी भी कारोबार संबंधी इमारत में अति जरूरी सेवा के रूप में बनाए जाने वाले सीढ़ी और शौचालय को भी लीज पर दिया गया था। उसका भी इस्तेमाल करने के लिए कारोबारियों को पैसे देने पड़ते थे जो गैर संवैधानिक है। इन सभी बातों की जानकारी होने के बाद भी नगर निगम और अग्निशमन विभाग की टीम निष्क्रिय पड़ी हुई थी। नियमानुसार कई दिनों के अंदर दैनिक तौर पर अग्निशमन व्यवस्था एवं अन्य जरूरी परिसेवाओं की समीक्षा नगर निगम की ओर से हुई होनी चाहिए थी लेकिन वह भी नहीं की गई थी। बहरहाल मंत्रिमंडल की इस बैठक में लापरवाही का सारा ठीकरा इमारत की एक साझीदार मालकिन राधा बागड़ी पर फोड़ा गया है। इस अग्निकांड की जांच और कार्रवाई की जिम्मेवारी मंत्री फिरहाद हकीम ने संभाली है। बैठक के बाद राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने बताया कि इमारत की मालकिन मेंटेनेंस के नाम पर रुपये वसूलने के बाद भी तमाम तरह की आपातकालीन व्यवस्था दुरुस्त नहीं की है। इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी।

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