अनिर्बान जश
हुगली। जिले के बण्डेल संलग्न चुंचुड़ा में आज बांग्ला के अमर कथाशिल्पी और सुप्रसिद्ध उपन्यासकार शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय की जन्म स्थली देवानंदपुर में उनके 143वां जन्म दिवस पर याद किया गया व राज्य केविधायक असित मजुमदार सहित अन्य लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। शरत चंद्र ने अनेक उपन्यास लिखे जिनमें पंडित मोशाय, बैकुंठेर बिल, मेज दीदी, दर्पचूर्ण, श्रीकांत, अरक्षणीया, निष्कृति, मामलार फल, गृहदाह, शेष प्रश्न, दत्ता, देवदास, बाम्हन की लड़की, विप्रदास, देना पावना आदि प्रमुख हैं। बंगाल के क्रांतिकारी आंदोलन को लेकर “पथेर दावी” उपन्यास लिखा गया। पहले यह “बंग वाणी” में धारावाहिक रूप से निकाला, फिर पुस्तकाकार छपा तो तीन हजार का संस्करण तीन महीने में समाप्त हो गया। इसके बाद ब्रिटिश सरकार ने इसे जब्त कर लिया था।

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