कोलकाता। पश्चिम बंगाल में पांच वर्ष पहले भी पोरिबर्तन के नारे के साथ सत्ता की कुर्सी हथियाने वाली ममता बनर्जी की आंधी में वाम-कांग्रेस गठबंधन पत्ते की तरह उड़ता दिख रहा है। दीदी की बयार फिर से चली है। जनता का फैसला सामने आ चुका है। ममता बनर्जी की कुर्सी बरकरार रहेगी। वहीं बीजेपी के लिए अच्छी खबर ये है कि सात सीटों पर कब्जा करते दिख रही हैं, जहां उसका खाता नहीं खुलता था, वहां इतनी सीटें भी बहुत मायने रखती है। जबकि लेफ्ट की हार तो बिल्कुल साफ है। जो अपनी हार स्वीकार करते दिख रही है। वाम मोर्चे के साथ कांग्रेस के गठबंधन ने जहां वरिष्ठ वामपंथी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को एक मंच पर ला दिया। वहीं इस चुनाव में भ्रष्टाचार केंद्रीय मुद्दा बन कर उभरा है। राज्य में 6 चरणों में हुए चुनाव में 4 अप्रैल से 5 मई के बीच सात दिन तक हुए मतदान में 77,247 मतदान केंद्रों पर कुल 6,55 करोड़ मतदाताओं ने मतदान किया। पश्चिम बंगाल में कुल 82.80 फीसदी मतदान देखा गया।

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