देवाशिष चटर्जी

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के जनता के जनमत से एक बार फिर साबित हो गया है कि बंगाल में ममता बनर्जी का तिलस्म बरकरार है। शायद यही कारण था कि गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में ममता बनर्जी ने एक सवाल के जवाब में तृणमूल के कथित अभूतपूर्व जीत पर कहा कि दरअसल यह जीत बंगाल में मां, माटी व मानुष का मैजिक है। उन्होंने कहा कि यहां की जनता ने तृणमूल पर फिर से बिश्वास जता कर साबित कर दिया है कि बंगाल की धरती हमारी सरकार घोटाले या यूं कहें की भ्रष्टाचारहिन है। मतदान के परिणाम साबित करते हैं कि यहां के लोगों ने कथित भ्रष्टचार के आरोपों व षडयंत्र को सिरे से खारिज कर दिया है। ममता बनर्जी ने एक तरह से उपदेशक के तौर पर कांग्रेस के लिये कहा कि कांग्रेस ने वाममोर्चा का साथ देकर अपनी भद्द पिटा दिया है। यहां दोनों के बीच दोस्ती है केरल में कुश्ती। यहीं नहीं ममता ने वाममोर्चा को भ्रष्टाचार का दादाजी करार दिया। उन्होंने कहा कि समय कम लेकिन काम ज्यादा करना है। जिम्मेदारियां और बढ़ गई है। वह अपने होने विधायकों के साथ शुक्रवार  को एक बैठक करेगीं व 27 मई को तृणमूल सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होगा।  ममता बनर्जी ने कहा कि तृणमूल के घोषणा पत्र ही उनका रक्षा कवच रहा। क्यों कि जनता क पता है कि तृणमूल की सरकार ने विकास के मामले पर कोई भी समझौता कभी नहीं किया। विजय उत्सव भी मनाया जाएगा और विकास कार्य के साथ ही राज्य में परीक्षाओं में अव्वल आये छात्र-छात्राओं के सम्मान के लिये समारोह भी होते रहेंगें। यह कार्यक्रम 27 मई तक चलता रहेगा। तृणमूल सुप्रीमों ने चुनाव आयोग के कार्यों पर आयोग को जहां धन्यवाद प्रेषित किया  तो वहीं पुलिस के एक वर्ग पर जमके बरसीं भी। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि पुलिस के कई अधिकारियों ने मनमानी की है। उक्त लोगों ने काफी ज्यादती भी किया है। ऐसे लोगों की सूची उनके पास है और उनसे निपटा भी जाएगा। उन्होंने कहा कि अजीब बात है कि चुनाव के दौरान उन्होंने दवा दुकानों को बी बंद कराया था। पार्टी केजीत के लिये राज्य की जनता व कथित निर्पेक्ष मीड़िया के एक वर्ग आभार भी व्यक्त किया। ममता ने कहा कि इस चुनावों में हदों को पार किया गया। कोई हारे या जीते यह तो होता ही रहेगा लेकिन राजनीति में  लक्ष्मण रेखा का होना जरुरी है।

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