कोलकाता। 

एक बात तो साफ है कि जब आदमी मुसीबत या कोई बड़ी परेशानी का सामना करता है तो माना जाता है कि वह उपरवाले को याद करता है। शायद यही वजह हो कि पश्चिम बंगाल की निवर्तमान तृणमूल सरकार के कई मंत्री व नेता ही नहीं बरन मुख्यमंत्री के भाई खुद ओडिशा स्थित पुरी के जगन्नाथ मंदिर के पुरोहित के शरण में जा पहुंचे । बताया गया है कि जगन्नाथ मंदिर के मुख्य पुरोहित कोलकाता में किसी के यहां आये थें। जब राज्य के मंत्री सुब्रत मुखर्जी, अरुप राय, शशि पांजा व मुख्यमंत्री के भाई बाबून बनर्जी को लगी तो वह लोग वहां गये। टीम टीएमसी ने जगन्नाथ मंदिर के पुरोहित से मंगल कामना के लिये आशिर्वाद लिया।   सूत्रों की माने तो खबर है कि जब मुकुल राय व दीदी के बीच में फासले बढ़ गये थे तब ममता बनर्जी और मुकुल राय के बीच फिर से नजदीकियां पैदा कराने में पुरी के जगन्नाथ मंदिर के मुख्य पुरोहित ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ममता बनर्जी और मुकुल राय दोनों ही भगवान जगन्नाथ के प्रति आस्थावान हैं । दोनों ही मंदिर के मुख्य पुरोहित पर श्रद्धा रखते हैं। कहा जाता है कि अपनी भूल-चूक के लिए क्षमादान हेतु मुकुल ने मुख्य पुरोहित के समक्ष गुहार लगाई थी। मुख्य पुरोहित के प्रयासों के फलस्वरूप ही ममता ने अपने भतीजे व तृणमूल सांसद  बनर्जी के घर मुकुल को खाने पर बुलाया था जहां मुकुल ने कहा था कि ममता बनर्जी ही उनकी नेता हैं।

अब खबर है कि अगर तृणमूल की सरकार फिर से राज्य में बनती है तो ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में जगन्नाथ मंदिर के मुख्य पुरोहित शामिल हों सकते हैं।

 

 

 

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