हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस से भिड़े आंदोलनकर्ता

आगजनी, पथराव के साथ ही लाठी व आसूं गैस का उपयोग 

स्थिती से निपटने के लिया राज्य ने मांगी सेना की मदद

पुलिस द्वारा हवाई फायरिंग का आरोप 

रमेश राय के साथ संदीप यादव
 
दार्जिलिंग। नेपाली भाषा की उपेक्षा कर बांग्ला भाषा थोपने के विरोध, अलग गोरखालैण्ड सह कई सूत्रीय कार्यक्रम के तहत गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) का आंदोलन अब एक बार फिर हिंसक हो गया । इस भी दिन दार्जिलिंग के अलग-अलग इलाकों में रैली निकाली गयी व पथावरोध किया गया। गोजमुमो समर्थकों ने जगह-जगह पैदल मार्च किया। उक्त स्थिती के कारण पहाड़ आ रहें मंत्रियों के काफिलों को गंतव्य स्थल तक पहुंचने में काफी देर भी हुआ।कारण यहां मंत्री सभा की बैठक होने वाली थी। कई जगहों पर तोड़फोड़ व हिंसक कार्रवाई पर उतरे गोजमुमो समर्थकों ने पथराव किया व पुलिस के वाहन में आगजनी भी की। पुलिस, प्रशासन द्वारा कार्रवाई के तहत लाठीचार्ज भी किया गया व आसूं गैस के गोलों का इस्तेमाल किया गया। आरोप है कि पुलिस ने हवाई फायरिंग भी किया है। इस दौरान पुलिस व जिसके कारण पहाड़ एक बार फिर अशांत हो गया। भानु भवन के पास गोजमुमो समर्थकों व पुलिस के साथ संघर्ष की घटना भी घटी। गोजमुमो समर्थकों ने पुलिस के वाहन सहित दर्जन भर वाहनों में आग लगी दी।
गोजमुमो सुप्रीमो विमल गुरुंग ने कहा कि आन्दोंलन करने पर प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जाती है।ऐसे में हमलोग पर्वतीय क्षेत्र में 12 घंटा बंद के लिये बाध्य हैं। उक्त स्थिती के कारण इधर पहाड़ के होटलों में मायूसी छा गई व रास्ता घाट से लेकर बाजार भी बंद हों गये। वैसे बिते कई दिनों से गोजमुमो के प्रतिवाद रैली व सभा के कारण यातायात व्यवस्था जहां ठप रही वहीं पहाड़ की रौनक पर भी असर पड़ रहा था।उपजी स्थिती के कारण पर्यटकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कर्शियांग, मिरीक से लेकर कलिपोंग जैसे तमाम इलाकों में स्थिती फिर एकबार बदतर होने लगी है।
राज्य सरकार ने पहाड़ में स्थिती को काबू में करने के लिये केन्द्र से सेना की मांग की गई है । वहीं मुख्यमंत्री ममता बन्रजी के निर्देश पर प्रशासन द्वारा पहाड़ में फंसे कम से कम 10 हजार पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकाने की मुहिम भी शुरु कर दी गई है। जलपाइगुड़ी से अत्रिक्त पुलिस व रैफ के जवान भी पहाड़ भेजे गये हैं।
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