नई दिल्ली/कोलकाता, (अभय बंग पत्रिका व अभय टीवी डॉटकाम न्यूज डेस्क)।

बुध ग्रह सोमवार यानी आज को सूर्य के नक्षत्र मंडल के ऊपर से गुजरा। यह घटना भारत में सभी जगहों पर देखी गई है। वहीं महानगर कोलकाता के लोगों को दोपहर बाद 4.41 बजे बुध का परागन आलोकित हुआ जो कि सूर्य पर बिंदू के जैसा रहा। सूर्य के नक्षत्र मंडल के ऊपर से बुध ग्रह के गुजरने की घटना तब होती है, जब बुध ग्रह सूर्य के एक किनारे से दूसरे किनारे जाते समय अत्‍यंत छोटा काला धब्‍बा दिखता है। इस घटना को पृथ्‍वी से तब देखा जाता है, जब बुध ग्रह सूर्य और पृथ्‍वी के बीच से गुजरता है। यह तभी होता है, जब सूर्य, बुध ग्रह और पृथ्‍वी एक सीध में हों। सौर मंडल में बुध ग्रह एक धब्‍बा के रूप में दिखता है, क्‍योंकि सूर्य की तुलना में इसका कोणीय आकार बहुत छोटा होता है। बुध ग्रह की यात्रा (सम्‍पर्क-1) उस क्षण शुरू होती है, जब बुध ग्रह सूर्य (प्रवेश बाह्य) को स्‍पर्श करता है। इसके बाद (सम्‍पर्क-2) आतंरिक रूप से बुध ग्रह सूर्य (प्रवेश आतंरिक) का स्‍पर्श करता है। बुध काले धब्‍बे के रूप में दिखा। कई घंटों की यात्रा के बाद बुध ग्रह तीसरे सम्‍पर्क में सूर्य के दूसरे छोर पहुंचा। यह तब होता है, जब बुध ग्रह आतंरिक रूप से सूर्य के करीब (प्रवेश तंरिक) होता है और अंतत: यात्रा तब पूरी होती है, जब बुध ग्रह सूर्य (प्रवेश बाह्य) का स्‍पर्श करता है। यह घटना अनूठी होती है और पूरी शताब्‍दी में 13 या 14 बार घटती है। यह अदभूत घटना मई तथा नवम्‍बर के महीने में होती है। एक पारगमन से दूसरे पारगमन के बीच का मध्‍यान्‍तर 7, 13 या 33 वर्ष का हो सकता है, जबकि मई से अगली मई तक की यात्रा 13 या 33 वर्षों के अंतराल पर होती है। सूर्य के नक्षत्र मंडल के ऊपर से बुध ग्रह के गुजरने की यह घटना एशिया के अधिकतर हिस्‍सों (दक्षिण-पूर्वी भागों तथा जापान को छोड़कर), यूरोप, अफ्रीका, ग्रीनलैंड, दक्षिण अमरीका, उत्‍तर अमरीका, आर्किटिक, उत्‍तर अटलांटिक महासागर तथा प्रशांत महासागर के अधिकतर हिस्‍सों में देखी गई है। भारत में प्रवेश बाह्य (सम्‍पर्क-1) तथा प्रवेश आतंरिक (सम्‍पर्क-2) की यह घटना सभी स्‍थानों से दिखी। बुध ग्रह के गुजरने का सम्‍पूर्ण लगभग समय 7 घंटे 30 मिनट का रहा। भारत में पर्यवेक्षक घटना की समाप्ति नहीं देख सकेंगे, क्‍योंकि यह घटना सूर्यास्‍त के बाद जारी रहा। भारत के विभिन्‍न भागों में सूर्यास्‍त के समयानुसार भारत के सुदूर-पूर्व स्थित पर्यवेक्षक इस अदभूत घटना को शुरू से एक घंटे के लिए देखा सकें और देश के सुदूर-पश्चिम में पर्यवेक्षक इस घटना को शुरू से दो घंटे 45 मिनट तक। दिल्‍ली में यह घटना 2 घंटे 20 मिनट की और यह सायं 04 बजकर 41 मिनट पर शुरू हुई। सूर्यास्‍त 07 बजकर 01 मिनट पर होगा। इसी तरह कोलकाता में यह घटना शाम 4 बजकर 41 मिनट पर शुरू हुई और एक घंटा 26 मिनट तक रही। मुम्‍बई में इसकी शुरूआत शाम 04 बजकर 41 मिनट पर और इसे 02 घंटा 24 मिनट तक देखा गया तो चेन्‍नई में यह शाम 04 बजकर 41 मिनट पर शुरू हुई।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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