हुआ 25 फीसदी घाटा

कोलकाता। नोटबंदी का पश्चिम बंगाल के राजस्व पर बुरा असर पड़ा है. सरकार का अनुमान है कि इससे राजस्व को25 फीसदी घाटा हुआ है. पिछले साल के मुकाबले इस साल नवम्बर माह तक सरकार के राजस्व घाटे में 11 फीसदी की गिरावट देखी गई. राज्य सरकार ने अप्रैल से नवम्बर के बीच केवल 5,260 करोड़ रुपए कमाए.यह वाकई चिंताजनक है क्योंकि पश्चिम बंगाल पर करीब 2 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है. राजस्व घाटे के चलते केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रुप से चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं पर बुरा असर पड़ सकता है. इनकी गति धीमी हो सकती है,जैसे जेएनएनयूआरएम और मनरेगा. वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया उनके पास बहुत ही कम संसाधन रह गए हैं. उन्होंने कहा, अब वे पहले खाद्य साथी, युवा श्री और कन्या श्री जैसी योजनाओं के तहत दी जाने वाली सहायता राशि प्रदान करने के बाद ही किसी ‘केंद्र-राज्य परियोजना’ के लिए पैसा देंगे.वित्त मंत्री अमित मित्रा के अनुसार, नोटबंदी से बंगाल की जीडीपी पर गहरा असर पड़ा है. इसके अलावा नोटों को बदलवाने में भी सामाजिक स्तर पर घाटा हुआ ही है. बंगाल में 37,000 से ज्यादा गांव हैं लेकिन उनमें केवल3,500 बैंक शाखाएं हैं. इस वजह से लोगों को अच्छी खासी परेशानी हो रही है. ज्यादा चिंताजनक हालत यह है कि अधिकारियों को आशंका है कि यह समस्या अभी और बढ़ेगी ही. अगले महीने से ही राज्य सरकार किसी को कैश नहीं देगी क्योंकि आरबीआई द्वारा तय सीमा में ही कैश निकासी हो सकती है.

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