नई दिल्ली।  एक बार फिर  कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सड़क पर भी दिखीं और उन्होंने जंतर-मंतर पर अपने संबोधन में पार्टी में नई ऊर्जा का संचार करने के लिहाज से ही सही, साफ शब्दों में कहा कि एक सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाने के लिए कांग्रेस कभी भी किसी भी कुर्बानी से पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने भाजपा को सत्ता का भूखा भी करार दिया।  संसद न सही सड़क से ही शुक्रवार को कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ विरोध का ऐसा बिगुल फूंका है, जिसमें मुद्दों के साथ भावनाओं का भी घोल है।  2014 में लोकसभा चुनाव में हार के बाद लगभग स्थिर सी हो गई कांग्रेस, लंबे अरसे बाद सड़क के रास्ते संसद को घेरने की तैयारी की है। यही कारण है कि पार्टी आलाकमान से लेकर वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता हर किसी में ‘लोकतंत्र बचाओ’ मार्च एक ऊर्जा का संचार करता भी दिख रहा है। राहुल के साथ 83 साल के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी माइक थामा, यह कार्यकर्ताओं के लिए सीधे संकेत हैं कि पार्टी अब शांत बैठने की मुद्रा में नहीं है।खैर जो भी हो अब देखा है कि सोनिया का यह पैंतरा क्या गूल खिलाता है।

 

 

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