मामले पर भेजा पीएमओ को पत्र
जयदीप यादव
कोलकाता। इस देश में सभी को समानता का अधिकार है और ऐसे में घरों में काम करने वालों को ‘नौकर’ व ‘नौकरानी’ न कहें जाये। उक्त तरह के सम्बोधन आज के इस दौर में ठीक नहीं है। अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार और मीडिया संगठन (आईएचएमओ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.केपी अहमद ने उक्त बात एक संवाददाता सम्मेलन में कही। उन्होंने कहा कि, सभ्य समाज व लोगों से आग्रह करते हैं कि वे अपने घरों में उनके लिए काम करने वाले व्यक्ति को ‘नौकर’ या ‘नौकरानी’ न कहें, बल्कि हमें उन्हें ‘घरेलू कामगार’ या ‘घरेलू सहायक’ कहना चाहिए।’.यह उनके लिए बेहतर और सम्मानजनक शब्द है।घर के कथित नौकर हमारे गुलाम नहीं हैं, वे अन्य पेशेवरों की तरह हैं जो वहां अपनी जीविका चलाने के लिए काम करते हैं। सरकार को भी घरेलू कामगारों के लिए नया कानून बनाना चाहिए। डॉ.केपी अहमद ने मीडिया कर्मियों को बताया कि घरेलू सहायिकाओं के लिए नए कानून के संबंध में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एवं मीडिया संगठन आईएचएमओ ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर घरेलू सहायिकाओं के लिए नौकार शब्द पर प्रतिबंध लगाने और घरेलू सहायकों के लिए नया कानून बनाने की मांग की है। आईएचएमओ ने यह भी मांग किया कि, घरेलू सहायकों के लिए न्यूनतम वेतन, साप्ताहिक अवकाश, असंसदीय व्यवहार व उत्पीड़न न करें व ऐसे कर्मी समाज के अभिन्न अंग यानी समाज सहायक हैं, उन्हें नौकर न कहें। एक सवाल के सवाब में आईएचएमओ द्वार दावा किया गया कि, उक्त मामले पर देश के तमाम राज्यों के मुख्यमंत्रियों को ज्ञापन सौंपे जाएगें।