अस्पताल में दी खुद ही घायल को खून

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कोलकाता। एक बार फिर एक डाक्टर ने साबित कर दिया की इस धरती पर डाक्टर को भगवान का दुसरा रुप क्यों कहते हैं। महानगर कोलकाता में एक डॉक्टर ने अनूठी मिसाल पेश की है। यहां डॉक्टर ने धार्मिक परंपरा के ऊपर मानवता को तरजीह देते हुए एक मरीज की जान बचाई है। रमजान के महीने के आखिर में ईद से ठीक पहले डॉक्टर ने मरीज को ब्लड डोनेट करने के लिए अपना रोजा तोड़ दिया। कोलकाता के अपोलो अस्पताल के डॉक्टर गुलाम मोहम्मद मोइनुद्दीन (37 वर्ष) ने गुरुवार को अपना ब्लड डोनेट किया। उनके इस कदम की हर तरफ तारीफ हो रही है। दरअसल फूलबागान इलाके में एक सड़क हादसे में जख्मी शख्स को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें एबी (पॉजिटिव) ग्रुप के खून की जरूरत थी। लेकिन अस्पताल में मौजूद ब्लड बैंक में इस ग्रुप का खून उपलब्ध नहीं था। ऐसे में मरीज की जान को खतरा देखते हुए डॉक्टर मोइनुद्दीन ने खुद अपना खून देने का फैसला किया। हालांकि इस वजह से उन्हें रमजान का अपना रोजा तोड़ना पड़ा। डॉक्टर मोइनुद्दीन का कहना है, ‘सबसे पवित्र काम किसी इंसान की जान बचाना है। इसलिए मैंने मरीज को अपना खून देना उचित समझा।’ डॉ. मोइनुद्दीन ने अपना खून देकर मिसाल कायम की है। उनका यह संदेश हर किसी के लिए एक प्रेरणा है। रमजान के महीने में रोजे को तोड़कर उन्होंने साबित कर दिया कि सबसे बढ़कर इंसानियत है।

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