डीवीसी से बांध का पानी नहीं छोड़ने का अनुरोध
बचाव कार्य के लिये सेना की सात टुकड़ियां तैनात
पानी में गिरने से मासूम बच्ची की मौत

कोलकाता। लगातार कई दिनों से बारिश के बाद बंगाल के कई जिलों में जहां बाढ़ जैसे हालात हैं वहीं आरोप है कि डीवीसी ने बांध का पानी छोड़ दिया जिसके कारण राज्य में हालात और ज्यादा बदत्तर हो गये हैं। आरोप है कि नदी के बांध टूट गये हैं। बाढ़ के कारण पूर्व मिदनापुर, बांकुड़ा, हावड़ा, हुगली सहित कई जिलों में पानी से हाहाकार है।तई गांव पानी में डूबे गये हैं और अपने घर खो चुके लोग राहत की बाट जोह रहें हैं। विभिन्न जिलों से व्यापर तौर पर नुकसान होने की खबर है। ऐसे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार को स्थिति का जायजा लेने बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा करेंगी।हालात के मद्देनजर कहा जा रहा है कि झारखंड में प्रवल वर्षा के बाद दक्षिण बंगाल के 5 जिले पश्चिम बर्दवान, बीरभूम, बांकुड़ा, हावड़ा व हुगली में बाढ़ आ सकती है। ऐसे में राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र लिखा है तथा सेना से मदद मांगी गयी है। डीवीसी से पानी नहीं छोड़ने का अनुरोध किया गया है। नवान्न सूत्राें के मुताबिक इसे लेकर गुरुवार को अहम बैठक हुई है। राज्य के मुख्य सचिव एच के द्विवेदी ने इन जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ अहम बैठक हुई है तथा बेहद ही अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। बाढ़ की आशंकाओं के मद्देनजर हर तरह से तैयारी करने के लिए कहा गया है।वहीं पश्चिम मेदिनीपुर के घटाल में पानी में गिरने के कारण छह वर्ष की एक बच्ची की मौत की खबर भी है। सूत्रों के मुताबिक राज्य की तरफ से सेना से मदद मांगी गयी है। हावड़ा की डीएम मुक्ता आर्य ने कहा कि हावड़ा के ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। उल्लेखनीय है कि गुरुवार को शिल्पांचल में भारी बारिश हुई।  बंगाल के विभिन्न हिस्सों में पिछले कुछ दिनों में हुई जबरदस्त वर्षा के बाद राज्य के तीन जिलों में बाढ़ राहत कार्यों के लिए सेना की कम से कम सात टुकड़ियां तैनात की गई हैं। कोलकाता में रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने आज यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सेना ने पश्चिम बर्द्धमान जिले में दो, हुगली में तीन और हावड़ा में दो टुकड़ियां तैनात की हैं।उन्होंने कहा कि सेना की टीमों ने बाढ़ प्रभावित इलाकों से 91 लोगों को बचाया है।सेना की प्रत्येक टुकड़ी में लगभग 70 जवान होते हैं। सेना की टीम राहत व बचाव कार्य में लगातार जुटी हुई है। गौरतलब है कि इस साल कुछ महीनों के भीतर यह दूसरी बार है जब बंगाल में बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत व बचाव कार्य के लिए राज्य सरकार को सेना की मदद लेनी पड़ी है।आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सेना के अलावा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की ओर से बचाव और राहत दल भी तैनात किए गए हैं। मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिम बर्द्धमान के आसनसोल में गुरुवार सुबह तक 24 घंटे में 434.5 मिलीमीटर (मिमी) बारिश दर्ज की गई, जबकि बांकुरा जिले के मुख्यालय शहर बांकुड़ा में रिकॉर्ड 354.3 मिमी बारिश दर्ज की गई।विभाग ने कहा कि अन्य स्थानों में जहां उस अवधि में बहुत भारी बारिश दर्ज की गई, उनमें दुर्गापुर में 200 मिमी, पुरुलिया में 170 मिमी, कंगसाबती में 140 मिमी और फुलबेरिया में 110 मिमी बारिश हुई।मूसलाधार बारिश के कारण दाराकेश्वर सहित कई नदियां उफान पर आ गईं और बंगाल के कई हिस्सों में कृषि भूमि, निचले इलाकों और राष्ट्रीय तथा राज्य राजमार्गों के कुछ हिस्सों में पानी भर गया है।

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