कोलकाता।yuktibadi बंगाल के स्कूलों में सरस्वती पूजा सिर्फ एक धार्मिक आयोजन ही नहीं होता है बरन यह आयोजन यहां कि शिक्षण संस्थानों में पढने वालों के बीच के जाति और वर्ग के भेद की खाई को पाटती है। लेकिन लगता है कि कहीं यह आयोजन अब बितों दिनों की बात नहीं बन जाये। भारतीय विज्ञान और युक्तिवादी समिति ने सरकारी स्कूलों में सरस्वती पूजा और नवमी उत्सवों के आयोजन को संविधान की मर्यादा के खिलाफ बताते हुए इस पर रोक लगाने की मांग ममता सरकार से की है। युक्तिवादी समिति ने पश्चिमी मिदनापुर के डीआई प्राइमरी व डीआई सेकेंडरी स्कूल को प्रेषित ज्ञापन में कहा है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। इसलिए सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त किसी भी स्कूल में सरस्वती पूजा और नवमी उत्सव उद्यापन का आयोजन असंवैधानिक है।
साथ ही, युक्तिवादी समिति ने यह भी कहा है कि पश्चिम बंगाल में मध्य शिक्षा पर्षद या उच्च शिक्षा संसद की निर्देशिका में भी स्कूलों में जिन आयोजनों का जिक्र किया गया है, उसमें सरस्वती पूजा और नवमी उत्सव उद्यापन का उल्लेख नहीं है।
युक्तिवादी समिति के अध्यक्ष प्रबीर घोष ने कहा कि देश के संविधान के तहत सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त किसी भी स्कूल में भी कोई भी धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जा सकता है। ऐसे स्कूलों में सरस्वती पूजा और नवमी उत्सव उद्यापन का आयोजन भी नहीं किया जा सकता है। उन्हेंने दावा किया कि हमारी अपील पर कोलकाता के कई स्कूलों में सरस्वती पूजा और नवमी उत्सव उद्यापन का आयोजन बंद कर दिया गया है।

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