कोलकाता। वैसे तो देश भर में स्कूली बच्चों में नशे की लत फैल रह है लेकिन कोलकाता के बारे में स्थिती चिंताजनक है। यहां के स्कूलों के लगभग एक तिहाई बच्चे जिनकी उम्र 15 से 18 के बीच है तंबाकू की चपेट में आने के बाद इसकी लत से बच नहीं पाते। ऐसे आंकड़े कोलकाता में किये गये सर्वे का है।  कोलकाता में करीब 26 प्रतिशत स्कूली बच्चे ऐसे हैं, जो तंबाकू, पान मसाला या फिर एल्कॉहॉल का सेवन कर चुके हैं। सभी मेट्रो शहरों में कोलकाता इस मामले में सबसे आगे है। यह सर्वे डायबिटीज अवेयरनेस ऐंड यू  नाम के एक संगठन द्वारा किया गया था, जिसमें शहर के 1,200 स्कूली बच्चों को शामिल किया गया था।

तथ्य यह है कि इनमें से ज्यादातर तंबाकू या नशे से होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूक ही नहीं हैं। सर्वे के मुताबिक, 5वीं से 8वीं के बच्चे इस लत को सबसे तेजी से अपनाते हैं। मंगलवार को वर्ल्ड नो टोबैको डे पर संगठन संस्था द्वारा एक मुहिम चलाई गई । एक मॉल्स के बाहर बालू से भरे ताबूत रखे गयें लोगों ने अपनी सिगरेट बुझाई और वादा किया कि यह  आखिरी सिगरेट है। खैर जो भी हो लेकिन देखना है कि इस मुहिम का लोगों के उपर कितना असर पड़ता है।

 

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