नये पैतरे की मुहिम में जुटी राज्य सरकार

रथयात्रा पर टीकी राज्य की सियासत

कोलकाता। जैसा की माना जा रहा था ठीक वैसा हि हुआ। प्रदेश भाजपा ने रथयात्रा पर उच्चतम न्यायालय में कैविएट दायर की है। पार्टी द्वारा आज दी गई जानकारी के अनुसार पार्टी ने उच्चतम न्यायालय में कैविएट दायर की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यदि राज्य सरकार पार्टी की प्रस्तावित रथयात्रा पर कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत जाती है तो पार्टी का पक्ष भी सुना जाए।प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘‘हमने यह सुनिश्चित करने के लिए उच्चतम न्यायालय में कैविएट दायर की है कि यदि बंगाल सरकार (रथयात्रा पर) कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत पहुंचती है तो भाजपा को भी सुना जाना चाहिए।’’उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार नहीं चाहती कि भाजपा की रथयात्रा निकले। घोष ने कहा, ‘‘हमें आशंका है कि सरकार उच्चतम न्यायालय जा सकती है।’’भाजपा ने उच्चतम न्यायालय में शनिवार को कैविएट दायर की। कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने राज्य में रथयात्रा की अनुमति मांगने वाले पत्रों का जवाब न देने पर शुक्रवार को पश्चिम बंगाल सरकार को लताड़ा था और अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे यात्रा के संबंध में 14 दिसंबर तक फैसला करें। शनिवार को भाजपा के नेता राज्य सचिवालय नवान्न पहुंचे थे। नवान्न पहुंचे भाजपा नेताओ में मुकुल राय, जयप्रकाश मजुमदार, सहित भाजपा के अन्य नेताओं ने अपने वकिल के साथ राज्य सचिव से बातचीत की और उन्हें रथयात्रा से सम्बंधित चिट्ठी दी। इधर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने बताया कि फिलहाल रविवार की राथयात्रा को स्थगित किया गया लेकिन 14 तारीख को तारापीठ में रथयात्रा को लेकर किसी तरह के निर्णय पर नहीं पहुंचे है। बता दे कि शनिवार को ही भाजपा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गयी थी। भाजपा ने शीर्ष अदालत में कैवियट दायर किया है। भाजपा द्वारा सुप्रीम कोर्ट में कैवियट दायर करने का मतलब है कि उसे सुने बगैर अदालत इस संबंध (रथयात्रा) में कोई फैसले पर न पहुंचे। इधर पार्टी को आशंका है कि राज्य सरकार हाइकोर्ट की खंडपीठ के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकती है। बहरहाल 16 दिसंबर को सिलीगुड़ी में प्रधानमंत्री की होने वाली सभा के कार्यक्रम में कोई परिर्वतन नहीं किया गया है। हालांकि  आज गंगासागर से शुरू होनेवाली गणतंत्र बचाओ यात्रा (रथयात्रा) और सभा को फिलहाल स्थगित रहा। उसके स्थान पर भाजपा कार्यकर्ता ब्लाॅक और जिला स्तर पर सभाएं, जुलूस और कानून भंग आंदोलन करेंगे। भाजपा कार्यकर्ता यह संदेश लोगों तक पहुंचायेंगे कि हिंदुओं के हर त्योहार में बाधा डालनेवाली तृणमूल सरकार यह बताना चाहती है कि उसने भाजपा की इस यात्रा को रोक दी है।
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