कोलकाता। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस के मौके पर आज  दावा किया है कि उनकी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए तमाम तरह की परियोजनाएं चलाई है, जिसका सकारात्मक लाभ हुआ है। आज सुबह उन्होंने इस बारे में ट्वीट किया। मुख्यमंत्री ने लिखा, ”आज अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस है। हमारी सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं को स्वयं सहायता समूह की मदद से बड़े पैमाने पर आत्मनिर्भर बनाने में जुटी है। इसके लिए आनंदधारा परियोजना चलाई गई है, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को पशु और पक्षी पालने के लिए रुपये दिए जाते हैं। इसके जरिए लाखों की संख्या में महिलाएं आत्मनिर्भर बनी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को स्वनिर्भर करने के लिए न केवल आर्थिक बल्कि उन्हें पेशेवर प्रशिक्षण देने की व्यवस्था भी पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से दी गई है जो अपने आप में अनुपम पहल है।” ज्ञात‌ हो कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 अक्टूबर 2008 को पहला अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस मनाकर ग्रामीण महिलाओं की भूमिका को सम्मानित करने का निर्णय लिया था। इसको मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 18 दिसंबर 2007 में की गई थी। इस दिवस का उद्देश्य कृषि विकास, ग्रामीण विकास, खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण गरीबी उन्मूलन में ग्रामीण महिलाओं के महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करना है। विदित हो विकासशील देशों में लगभग 43 प्रतिशत महिलाएं कृषि श्रमिक के रूप में कार्य करती हैं और खाद्य क्षेत्र से जुड़ी रहती हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, यदि ग्रामीण परिवेश की एक महिला को सशक्त बना दिया जाए तो वह अपने पूरे परिवार को स्वयं सशक्त बना सकती है। साथ ही, सतत विकास लक्ष्य जैसे गरीबी, भुखमरी, खाद्य सुरक्षा तथा महिला अधिकारों को बेहतर रूप से लागू किया जा सकता है।
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