जाकिर अली
हुगली। न तो संवेदना मरी न ही इंसानियत। तमाम नकरात्मक व दिल को दुखी करने वाली खबरों के बीच आत्मा को सुखद एहसास देने वाली एक खबर सामने आई है। हर रोज खबरों में सिर खफाने वाला ही तब खबर बन गया जब एक पत्रकार ने अपने पेशे के साथ ही मानवता के साथ इंसाफ किया। एक असहाय व ट्यूमर से पीड़ित एक भिखारिन मालती दास की मदद पत्रकार सतीश गुप्ता ने की। स्थानीय लोगों व अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि घटना हुगली जिले के आदिसप्त इलाके की है। मोगरा थाना अन्तर्गत बोरोपाड़ा के निवासी मालती दास बांसबेड़िया के हंसेश्वरी मंदिर के परिसर में भीख मांगता थी। जीवन यापन के बाद जो भी पैसे बचते वह वृद्धा सप्तग्राम में एक सरकारी बैंक में पैसा जमा करती थी। उसे ट्यूमर हुआ था. सोमवार को बूढ़ी मालती दास का स्तन ट्यूमर फट गया. जिससे उनकी हालत बिगड़ गई, चलना फिरना मुश्किल हो गया. डॉक्टर ने उनसे कहा कि उनका इलाज कलकत्ता मेडिकल कॉलेज में होगा. सोमवार को वह दो महिला के साथ बैंक में अपना जमा रकम निकालने आई, लेकिन वैगर पैन कार्ड के इतनी रकम नहीं दी जा सकती हैं, ऐसा बैंक अधिकारियों ने वृद्धा को बताया, दूसरा विकल्प है कि अगर कोई ग्रांटर बन कर हस्ताक्षर करता है कि यह रकम जिसका है उसे दिया जा रहा है, तभी दिया जाएगा, लेकिन कोई इसके लिए तैयार नहीं हुआ. पैसे कैसे निकाले, इस बारे में अनिश्चितता के कारण बूढ़ी औरत असहाय बन गई. उसी समय एक पत्रकार सतीश गुप्ता बैंक में पहुंचने पर बूढ़ी मां ने उनसे सहायता की अपील रखी. लेनदेन के मामला होने के कारण वह भी सोच में पड़ गया. बाद में उसने गवाही दी. बाली की निवासी सोनिया साव ने बताया कि उसकी दादी की सहेली मालती दास है. बीच-बीच में वही लोग आकर वृद्धा की सेवा करती है. उनके घर से आज भी उनका रिश्ता कायम है. फोन पर उनकी अस्वस्थता की खबर पाकर वे लोग देखने आई है. उनका इलाज जरूरी है, इसलिए बैंक से रूपए उठाने आई है. उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया जाएगा. रूपया बैंक से मिलने के बाद वे लोग कार कर मैडिकल काॅलेज के लिए रवाना हो गई.