कोलकाता/तमिलनाडु ।

सियासत में कब कौन किसके साथ होगा यह कोई नहीं कह सकता है। इस बात का एक उदाहरण बंगाल में कांग्रेस व वाममोर्चा की दोस्ती को लिया जा सकता है।  पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के विधानसभा चुनावों में भाजपा बेशक कोई खास करिश्मा न कर सकी हो लेकिन वहां ममता और जया की जीत ने केंद्र में उसकी राह जरूर आसान कर दी है। जीएसटी जैसे महत्वपूर्ण बिल पर राज्यों का साथ पाने के लिए जूझ रही भाजपा को इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री  ममता बनर्जी और तमिलनाडु की सीएम जयललिता से राहत जरूर मिल सकती है।

गौरतलबहै कि केंद्र सरकार लंबे समय से जीएसटी को देशभर में लागू करवाने का प्रयास कर रही है। लेकिन लोकसभा से पास होने के बाद यह बिल राज्यसभा में अटका पड़ा है क्योंकि वहां सरकार के पास बहुमत नहीं है। इसी के बाद से केंद्र सरकार विपक्षी दलों से संबंध सुधारने की कवायद में लगी है।

चुनाव में जीत के बाद ममता ने तो कल इस बात की घोषणा कर दी थी कि वह जीएसटी के मुद्दे पर केंद्र का समर्थन राज्य के हित में कर सकती है। वहीं जयललिता का रुख भी इस पर नरम दिख रहा है। चुनावों से पहले भी उन्होंने इस बात के संकेत दिए ‌थे कि जीएसटी के मामले में वह राज्यों के विकास की राह में रोड़ा नहीं बनना चाहेंगी। वहीं असम में खुद भाजपा की जीत से उसके सामने एक चुनौती और कम हो गई है। अब देखना है कि जीएसटी के मामले पर दीदी व अम्मा पीएम मोदी की राह कितना आसान करती हैं।

Spread the love
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •