आयोग कार्यालय में प्रवेश पर बाधा

सोमवार को पंचायत चुनाव के लिए नामांकन 

पार्थ चटर्जी ने कहा, बीजेपी वोंट नहीं कोर्ट चाहती है

मुकुल राय ने कहा, ममता के इशारे पर हुई कार्रवाई

कोलकाता। चुनाव आयोग की सर्व दलीय बैठक में भाग लेने के लिये पहुंचे भाजपा नेताओं को उक्त बैठक में शामिल होने नहीं दिया गया। ऐसे में भाजपा  प्रतिनिधि मंडल बैठक में भाग लिये बगैर ही वापस लौट गई। उक्त प्रतिनिधि मंडल में शामिल भाजपा नेता मुकुल राय ने कहा कि ममता बनर्जी के इशारे पर ही उन लोगों को बैठक में भाग नहीं लेने दिया गया व बाधा दी गई। मुकुल राय ने कहा कि आयोग की बैठक में कहा गया कि भीतर केवल दो लोग ही जा सकते हैं। लेकिन उक्त जानकारी बैठक से पहले आयोग ने नहीं दी थी। राय ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी का निर्देश था कि भाजपा के लोगों को अन्दर जाने नहीं दिया जाये। मुकुल राय ने बताया कि भाजपा की ओर से बैठक में शामिल होने के लिये एक वकील सहित कुल छह लोग गये थे। मुकुल राय ने कहा कि हमलोगों ने चुनाव आयोग को शुक्रवार रात को ही भाजपा की ओर से जाने के लिये मेल भी कर दिया था। मुकुल राय ने कहा कि पहले जब चुनाव आयोग बुलाती थी तो विऱोधी दल में रही ममता बनर्जी के तृणमूल के लोग दो की जगह चार जाते थे। इधर आयोग की बैठक में शामिल नहीं हो पाने के बाद मुकुल राय वहीं से कलकत्ता हाइकोर्ट चले गये व कोर्ट में रजिस्ट्रार के पास लिखित रिपोर्ट दर्ज कराया। मुकुल राय फिर वापस चुनाव आयोग के कार्यालय में आये व वहां मीडिया कर्मियों के साथ बातचीत की। मुकुल राय ने इस दौरान आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार चाहती है कि एक ही दिन चुनाव हो ताकि वह आयोग पर दबाव कायम रखकर अपना मतलब साध सके। राय ने आरोप लगाते हुए कहा कि हमलोगों के पास सूचना है कि आयोग को भी धमकाया भी जा रहा है। राय ने कहा कि वैसे हमलोग देख रहें है कि भाजपा की प्रतिनिधि मंडल बैठक में भाग नहीं लेने देने पर हमलोग किस स्तर पर कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं। मामले पर तृणमूल महा सचिव व मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि भाजपा लगातार नाटक कर रही है।राज्य के लोग ममता बनर्जी व विकास के साथ हैं। भाजपा वोंट नहीं कोर्ट चाहती है। शायद इस लिये बार बार कोर्ट जा रही है। दुसरी ओर माकपा प्रतिनिधि मंडल के नेता रोबिनदेव ने कहा कि हमलोग चाहते हैं कि साफ व स्वच्छ चुनाव हो और उक्त बात की मांग भी हमने आयोग से की। चुनाव आयोग से यह भी मांग की गई कि जिन पुलिस कर्मियों ने नामांकन के समय बाधा दिया उन पुलिस वालों के किलाप कार्रवाई हो। साथ ही 12 अप्रैल को जिन उम्मीदवारों ने नाम वापस लिया है उनके नाम बहाल किये जाये।  इधर पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की समय सीमा एक दिन बढ़ाये जाने के कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश के मद्देनजर राज्य चुनाव आयोग ने सोमवार का दिन तय किया है। चुनाव आयोग सूत्रों के अनुसार सोमवार पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया जा सकता है।
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