कोलकाता। जहां एक ओर भाजपा प्रतिनिधि मंडल ने किया सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार कर राज्य सरकार पर आरोपों की झड़ी लगी दी । वहीं पंचायत चुनाव के लिए नए तारीखों की घोषणा से पहले शनिवार को राज्य चुनाव आयोग द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भाग लेने पहुंचे माकपा नेताओं ने राज्य चुनाव आयोग के समक्ष अपनी पांच मांगे रखीं, जिसमें सुरक्षा सुनिश्चित करना और नामांकन दाखिल करने के लिए उचित परिवेश बनाना मुख्य है। शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश के दूसरे दिन शनिवार को राज्य चुनाव आयोग ने छह राजनीतिक दलों के साथ अलग-अलग बैठकें की। प्रत्येक पार्टी को चुनाव आयोग की ओर से उनकी बात रखने के लिए 10 मिनट का समय दिया गया था। इस बैठक में माकपा ने अपने पांच मांगे रखीं। इनमें 12 अप्रैल को पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर स्थगनादेश के बाद जो भी नामांकन पत्र वापस लिए गए थे, उन्हें फिर से बहाल रखा जाए। जिला शासक और महकमा शासकों के दफ्तर में किसी भी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश ना करने दिया जाए। नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान तृणमूल आश्रित गुंडों ने व्यापक हिंसा की थी, उनके खिलाफ फौरन कार्रवाई की जाए। जिन जगहों में हिंसा के दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी हुई थी, अभियुक्त पुलिस ऑफिसरों के खिलाफ कार्यवाही की जाए। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नामांकन दाखिल करने के दिन से ही केंद्रीय बल को तैनात किया जाए।
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