अधिकारियों ने की रेल बोर्ड के अफसरों से मुलाकात

कोलकाता । पाहड़ में हिंसा की आग थम नहीं रही है। ऐसे में यूनेस्को ने गोरखालैंड आंदोलन के दौरान जीजेएम द्वारा दार्जिलिंग में हिमालयन रेलवे के स्टेशनों पर की गई हिंसा और तोड़फोड़ पर गहरी चिंता जताई है। इसी संदर्भ में यूनेस्को के अधिकारियों का एक दल रेल बोर्ड के अफसरों से भी मिल चुका है। पिछले महीने जीजेएम समर्थकों ने हिमालयन रेलवे के महानदी स्टेशन पर तोड़फोड़ की थी। जुलाई में गोरखालैंड समर्थकों ने सोनादा स्टेशन को आग को हवाले कर दिया था। प्रदर्शनकारियो ने गयाबाड़ी स्टेशन पर भी हमला बोल दिया था।
गयाबाड़ी स्टेशन पर हमले के बाद ही यूनेस्को अधिकारियों का दल रेल बोर्ड के अधिकारियों से मिला था। इन घटनाओं के बाद रेलवे ने राज्य सरकार से इस मुद्दे पर बात की है और इस पहाड़ी इलाके में रेलवे की संपत्ति की सुरक्षा के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों को लगाने पर विचार चल रहा है। रेलवे के एक अधिकारी का कहना है इस तरह की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं और राज्य सरकार से कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में चर्चा की गई है। जीजेएम ने तोड़फोड़ के आरोपों से इनकार किया है। उसका कहना है कि इस घटना में उन ठेकेदारों का हाथ हो सकता है जो फिर से ठेका प्राप्त करना चाहते हैं। स्थानीय गोरखा निवासी भी रेलवे में तोड़फोड़ की इन घटनाओं से चिंतित दिखे। स्थानीय लोगों का कहना है कि रेलवे ने यूनेस्को के साथ मिलकर हेरिटेज टॉय ट्रेन और आसपास रह रहे लोगों के लिए विकास कार्यक्रम शुरू किया था। जिसका फायदा स्थानीय लोगों को मिलना था। अब इन घटनाओं के बाद उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। आपको बता दें जलपाईगुड़ी के एक स्टेशन से शुरू होकर यह ट्रेन दार्जिलिंग तक जाती है।
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