कोलकाता।  बांग्लादेश की नारायणगंज जिला अदालत और सत्र न्यायाधीश ने आज वर्ष 2014 के नारायणगंज हत्याकांड मामले में भारत से प्रत्यर्पित पूर्व पार्षद सहित 26 लोगों को मौत की सजा सुनाई है । इस घटना में 7 लोगों की बेरहमी से हत्या की गई थी। विख्यात वकील, राजनेता सहित सात लोगों की हत्या कर बांग्लादेश से भागकर पश्चिम बंगाल आए नूर हसन को बंगाल की पुलिस ने बागुईहाटी से गिरफ्तार कर लिया। बांग्लादेश के नारायणगंज में सात खून मामले में सबसे कुख्यात नाम नूर हसन का था। उसे अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। इसके अलावा 26 लोगों को भी फांसी की सजा सुनाई गई है।उक्त लोगों में बांग्लादेश के रैपिड एक्शन बटालियन (रैब) के कर्मचारी हैं। मृत्युदंड पाने वालों में से तीन लोग फरार बताए गए हैं। साथ ही नौ लोगों को 10 वर्ष की सजा भी सुनाई गई है। नूर मोहम्मद को कोलकात से गिरफ्तार किया गया था। इसी सूत्र के आधार पर पडोसी राज्य के कुख्यात साथ खून मामले का निपटारा कर लिया गया। यहीं नहीं अपराधियों में बांग्लादेश की सेना के पूर्व लैफ्टिनैंट कर्नल तारेक सईद भी उन 26 लोगों में शामिल है जिन्हें सजा सुनाई गई है। वर्ष 2014 के अप्रैल में ढाका-नारायणगंज लिंक रोड से 7 लोगों का अपहरण कर लिया गया था।   कुछ दिन बाद उनके शव शीतलख्या नदी में तैरते मिले थे।  हुसैन को भारत से प्रत्यर्पित किया गया था। वह सुनवाई से बचने के लिए देश से भाग गया था। एेसा माना जाता है कि वही इस हत्याकांड का मुख्य षड्यंत्रकारी था।   सीमा सुरक्षा बल के कर्मियों ने 12 नवंबर 2015 को उसे बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के हवाले कर दिया था। अन्य 9 लोगों को विभिन्न अवधि की कैद की सजा सुनाई गई है।  नारायणगंज के पार्षद नजरूल इस्लाम और वकील चंदर कुमार सरकार सहित 7 लोगों की हत्या के मामले में सजा सुनाई है।

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