अपने साथ रखता था शूटर भी

बड़ा भाई कोलकाता हाईकोर्ट में वकील व छोटा एक संस्थान में मैनेजर

कोलकाता। देश की राजधानी में दिल्ली  पुलिस के गिरफ्त में आये फर्जी आईबी अफसर श्यामसुंदर ढांड ने केवल रायपुर ही नहीं, कोलकाता और दिल्ली में भी धौंस जमाकर कई कारोबारियों से ठगी की है। जांच-पड़ताल में यह जानकारी पुलिस को मिली है, लेकिन तस्दीक होना बाकी है। कारोबारियों से खतरे की आशंका में वह एक अंगरक्षक (शूटर) भी साथ रखा था। रायपुर में यह अंगरक्षक उसके साथ ही घूमता था, हालांकि अंगरक्षक के बारे में उसने किसी तरह की जानकारी पुलिस को नहीं दी है। पुलिस के जानकार सूत्रों ने बताया कि श्यामसुंदर की मंशा यहां पर बड़े कारोबारियों, मंत्रियों, अफसरों और नेताओं से जान-पहचान बढ़ाकर उनकी बदौलत प्लाईवुड का बड़ा कारोबार शुरू करना थी। यहां कारोबार स्थापित करने में एक स्थानीय प्लाईवुड व्यवसायी व धमतरी का ग्लास कारोबारी उसका साथ दे रहे थे। श्यामसुंदर के जेल जाते ही वे गायब हो गए हैं। दोनों कारोबारियों को पुलिस तलाश रही है। श्यामसुंदर के पास से बांके बिहारी प्लाईवुड ट्रेडर्स के नाम से कुछ दस्तावेज पुलिस ने जब्त किए हैं। इस ट्रेडर्स से लाखों के प्लाईवुड की सप्लाई श्यामसुंदर ने रायपुर, कोलकाता, दिल्ली समेत अन्य शहरों में करवाई थी। श्यामसुंदर ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया-मेरे द्वारा पार्थिवी ग्रुप सरोना को 3 सौ नग प्लाई दरवाजा, 100 नग सेंटरिंग सप्लाई की गई है। खुद का कारोबार खोलने के लिए बांके बिहारी ट्रेडर्स के नाम से नर्बदापारा, गंज में फैक्टरी खोलने का विचार में था ताकि छत्तीसगढ़ के विभिन्ना जिलों में प्लाईवुड की आपूर्ति कर सकूं। उसका कहना है कि वह किसी भी कंपनी से प्लाईवुड मंगवाता था और ठेकेदार के माध्यम से कमीशन पर बेच देता था।श्यामसुंदर के अनुसार उसके तीन भाई हैं। सबसे बड़ा भाई डॉ.अजय ढांड कोलकाता हाईकोर्ट में वकील है। दूसरे नंबर का भाई सूरज ढांड स्टार यूनियन कंपनी कोलकाता में मैनेजर है और तीसरे नंबर का वह खुद है, जबकि सबसे छोटा भाई अभियान इंटरनेशनल कंपनी के हेड ऑफिस धनबाद (झारखंड) में नेशनल हेड के पद पर कार्यरत है। पिता विनोद ढांड ज्योतिषी और मां सरोज देवी गृहिणी है। उसका कहना है कि परिवार या पूरे खानदान में कोई भी व्यक्ति आईपीएस या आईएएस नहीं है। शातिर श्यामसुंदर की मानें तो पिछले तीन साल से उसका छत्तीसगढ़ में आना-जाना है। रायपुर में करीब एक साल तक वह होटल अपर्णा रेजेंसी व होटल ली रॉय में ठहरता रहा है। गौरतलब है कि इन होटलों का किराया भी उसने भुगतान नहीं किया है और किराए की लग्जरी कार का भी पैसा रोक कर रखा था।श्यामसुंदर के जेल जाने के बाद से अभी तक उसके परिवार का कोई भी सदस्य रायपुर नहीं पहुंचा है। पुलिस का कहना है कि परिवार के लोगों को उसकी गिरफ्तारी की सूचना दे दी गई है। खबर है कि उसके पिता व भाई कोलकाता से एक-दो दिनों में यहां आ सकते हैं। सिविल लाइन के टीआई वीरेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि कोलकाता पुलिस से श्यामसुंदर के बारे में जानकारी मांगी गई है। जल्द ही वहां टीम भी भेजेंगे।

 

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