उक्त दोनों नाम पर ही बनेगी सहमति
राज्य कैबिनेट से मिली ग्रीन सिंगनल
कोलकाता। शायद जिसका राज्य के तमाम लोगों को इंतजार था कि पश्चिम बंगाल का नाम बदल दिया जाये। जल्द ही बदल सकता है। राज्य कैबिनेट ने इसके लिए सहमति दे दी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी वेस्ट बंगाल नाम से वेस्ट को हटाना चाहती है। इसलिए नया नाम अंग्रेजी में ‘बंगाल’ और बंगाली में ‘बांग्ला’ या ‘बंग’ रखा जा सकता है।राज्य के मंत्री पार्थ चटर्जी ने बताया कि जल्द ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इस विषय पर चर्चा की जाएगी। तब तक अंग्रेजी नाम को बरकरार रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश का नाम बदलने के पीछे अंग्रेजी की वर्णमाला की वजह है और यह नई मांग नहीं है। साल 2011 में वेस्ट बंगाल का नाम बदलकर पश्चिम बंग करने पर रायशुमारी करवाई गई थी। इसके लिए प्रदेश में सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई थी। बैठक में तय किया गया था कि अंग्रेजी वर्णमाला के हिसाब से राज्य का नाम पहले लाने के लिए कोशिश करने का फैसला लिया गया था। तब हुई बैठक में तृणमूल कांग्रेस के अलावा माकपा की अगुवाई में विपक्षी दलों ने भी ममता सरकार की इस मुहिम का साथ दिया था। इसके पहले बुद्धदेव भट्टाचार्य के नेतृत्व वाली वाममोर्चा सरकार ने भी इस मसले को उठाया था।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक राज्यों के किसी भी सम्मेलन में पश्चिम बंगाल के वक्ताओं या प्रतिनिधियों को सबसे आखिर में मौका मिलता है। इस वजह से उन्हें अपने विचारों को रखने के लिए कम वक्त मिल पाता है। इस वजह से वक्ताओं को जबतक बोलने का वक्त मिलता है तबतक कार्यक्रम खत्म होने लगता है। थकान भी हो जाती है और सुनने वाले भी लगभग अनमने हो जाते हैं। इस वजह से नाम बदलने की मांग लंबे समय से की जा रही है।मामले पर पश्चिम बंगाल से ही आने वाले केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि हम प्रदेश का नाम बदले जाने का स्वागत करेंगे, लेकिन बोंगो नाम होना सही नहीं लगता। उन्होंने कहा कि यह नाम तो म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट का है। खैर राज्य का नाम बदलने की सम्भावित खुशी मनाने के लिये अब बस जश्न की तैयारी बाकी है।