जगदीश यादव

कूचबिहार/कोलकाता। राज्य में आखिरी चरण का मतदान तो शांति के साथ हो रहा था। लेकिन कूचबिहार में हम सबकी आंखें एक खाश व्यक्ति को तलाश रही थी। तभी सब अलर्ट हो गये। हमारा इंतजार समाप्त हो गया था। कारण सामने से 103 वर्ष के असगर अली जमीन की तरफ झूककर लाठी के सहारे मतदान केन्द्र में आयें। हलाकि उनके आने के लिये चुनाव आयोग ने वाहन की व्यवस्था की थी।  सौ पार असग़र अली ने वोंट देने के बाद कहा कि  मरने से पहले बस मैने अपना वोट डाल दिया है और यह तमन्ना भी पूरी हो गई।  उपर जाने से पहले भारत का नागरिक मै बन गया।  हम बता रहें थें 103 साल के मोहम्मद असगर अली के बारे में जिन्हें अबतक मतदान करने का अवसर ही नहीं मिला था। माना जा रहा है कि अब असगर अली देश के सबसे उम्रदराज मतदाता हों  गये हैं।  जिंदगी के सौ साल बीत जाने का बाद यह पहला मौका रहा असगर अली ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। स्थानीय लोगों से पता चला है कि अली की जिंदगी का ज्यादातर समय एनक्लेव के रूप में गुजरा।  ज्ञात रहे कि भारत-बांग्लादेश सीमा का बड़ा हिस्सा दशकों तक विवादित रहा। यहां भारत के साथ ही बांग्लादेश ने भी बड़े भू-भाग को एनक्लेव घोषित कर रखा था। यहां रहने वाले किसी देश के नागरिक ही नहीं थें।  सिर्फ अली ही नहीं बरन उनके जैसे कई लोग 68 सालों से ऐसे ही भूभाग पर रह रहे थे। पहली बार इन्हें चुनावी प्रक्रिया में शामिल किया गया है। बहरहाल जो भी हो लेकिन जिन लोगों ने अपने उम्र का एक बड़ा भाग गुजार कर पहली बार मतदान किया था वह बेहद खुश नजर आ रहें थें मीडिया के लोगों को देखकर वह लोग उनका अभिवादन भी करते नजर आये।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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