सहकारिता मंत्री अरूप रॉय ने भी समीर के स्वर से स्वर मिलाया

हावड़ा। उदयनारायणपुर के विधायक एवं हावड़ा ग्रामीण के तृणमूल चेयरमैन समीर पांजा ने सोशल मीडिया के माध्यम से पार्टी छोड़ने का इशारा किया। उक्त स्थिति के कारण पार्टी में खबर के लिखे जाने तक खामोशी छा गई थी। जबकि तृणमूल नेता  समीर पांजा के उक्त इशारे को एक तरह से राज्य के सहकारिता मंत्री अरुप राय ने भी समर्थन दिया है जिससे पार्टी में सवाल उठने लगे हैं। विधायक के फेसबुक पोस्ट को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि वह पार्टी से नाता तोड़ने वाले हैं. इसके साथ ही पार्टी विधायक के ऐसे पोस्ट ने तृणमूल कांग्रेस में कयासों का दौर शुरू हो गया है। तृणमूल कांग्रेस के विधायक ने अपने फेसबुक पोस्ट में ममता बनर्जी की प्रशंसा की है, लेकिन इसके साथ ही लिखा है कि उनके जैसे लोगों को पार्टी में महत्व नहीं मिल रहा है। इसलिए अब अलविदा कहने का समय आ गया है।  दरअसल समीर पांजा ने कुछ भी साफ़ कहे बिना कहा कि वे अपने पुराने कारोबार में लौटना चाहते हैं। गत शुक्रवार की रात को समीर ने अपने फ़ेसबुक अकाउंट पर मुख्यमंत्री का फ़ोटो लगाकर यह कहा कि वे इनके कारण ही पार्टी नहीं छोड़ रहे हैं। नहीं तो उनका पार्टी से छोड़ने का समय आ गया है। उन्होंने मीडिया में कुछ भी कहने से इनकार किया है।फेसबुक पोस्ट में समीर पांजा ने लिखा, “हां, क्योंकि मेरे पास यह महान नेता हैं और इसलिए मैंने आज तक तृणमूल पार्टी नहीं छोड़ी है, क्योंकि इतने सारे तूफानों से गुजरने के बाद, विभिन्न इतिहासों को देखने और 38 वर्षों तक इस महान नेता के साथ एक सैनिक के रूप में काम करने के बाद मुझे बहुत ही असंगत लगता है. क्योंकि आज तक मैं पार्टी नेतृत्व के लिए अच्छा होने का नाटक करके नकली नेता नहीं बनना चाहता. अविभाजित युवा कांग्रेस के दिनों से मेरे जैसे लोग, क्या उन्हें अब कोई महत्व मिल रहा है? मेरे जाने का समय हो गया है, अलविदा कहें!”इस पोस्ट के बाद हावड़ा के एक और शीर्ष नेता और राज्य सहकारिता मंत्री अरूप रॉय ने समीर पांजा के आरोपों और अपमान का पूरा समर्थन किया। उन्होंने कहा कि समीर पांजा पार्टी की संपत्ति हैं। लेकिन मंत्री ने बाद में यह भी कहा कि, उसकी निराशा बेहद दुखद है। उन्होंने अंध भक्त की तरह पार्टी में काम किया है। समय आ गया है कि पार्टी अपने पुराने कार्यकर्ताओं के बारे में विचार करें और उन्हें उनकी उचित जगह दी जाए। समीर के बिना हावड़ा में तृणमूल कांग्रेस के लिए स्थिति बिगड़ सकती है। अरूप रॉय ने यह भी कहा कि मैं भी उसी स्थिति में हूं, मैं लंबे समय से पार्टी में हूं, मेरे नेतृत्व में पार्टी सत्ता में आई है। जब तक मुझे लगता है कि मेरा पार्टी में होना जरूरी है, मैं रहूंगा। लेकिन जिस दिन पार्टी को मेरी जरूरत नहीं होगी, मैं चला जाऊंगा। इस दिन सहकारिता मंत्री अरूप रॉय ने कहा था, ‘लगता है कि तालमेल में कोई दूरी है। मैं निश्चित रूप से आशा करता हूं कि दूरी को पाट दिया जाएगा, ताकि यह समस्या उत्पन्न न हो। मैं व्यक्तिगत रूप से पार्टी नेतृत्व से भी बात करूंगा। और मेरा पार्टी नेतृत्व से भी अनुरोध है कि समीर से बात करें, ताकि इस समस्या का समाधान हो सके।’

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