कुछ शर्तों के साथ पंडालों में प्रवेश की दी अनुमति
पुष्पांजलि और ‘सिंदूर खेला’ को मिली मंजूरी

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में नवरात्रि के साथ शुरू हुई दुर्गा पूजा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कलकत्ता हाई कोर्ट ने अभी तक पंडालों में प्रवेश पर रोक लगा रखी थी, लेकिन गुरुवार को अपने फैसले पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने पूजा पंडालों में कुछ शर्तों के साथ प्रवेश की अनुमति दे दी. इसके साथ पुष्पांजलि और सिंदूर खेला की भी अनुमति दी गई है. कलकत्ता हाई कोर्ट ने दुर्गा पूजा में शामिल होने के लिए कुछ शर्तें रखी हैं, जैसे- कार्यक्रम में भाग लेने वाली सभी लोगों का फूली वैक्सीनेटेड (वैक्सीन की दोनों डोज) होना अनिवार्य होगा.वहीं, 45- 60 आयु वर्ग के लोग बड़े पूजा पंडालों में और 10-15 उम्र के बच्चों को छोटे पूजा पंडालों में जाने की अनुमति दी गई है. हालांकि हाई कोर्ट ने श्रद्धालुओं को ये अनुमति सिर्फ पुष्पांजलि और सिंदूर खेला में भाग लेने के लिए दी है. बाकी समय पहले की तरह लोगों के पूजा पंडालों में जाने पर रोक लगी रहेगी.गौरतलब है कि राज्य सरकार की तरफ से हाईकोर्ट को सूचित किया गया था कि कोरोना के हालात को देखते हुए अदालत अगर पूजा पंडालों में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर रोक लगा देती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं होगी। उसके बाद हाईकोर्ट की तरफ से पूजा पंडालों में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी लेकिन गुरुवार को मामले पर हुई सुनवाई में अदालत ने इसमें ढील दी है।अब पंडालों के आकार के मुताबिक दर्शनार्थियों को प्रवेश की अनुमति प्रदान की गई है। हाईकोर्ट के नए निर्देश से उन पूजा आयोजकों ने राहत की सांस ली है, जिन्होंने खुले पंडालों का निर्माण नहीं किया है यानी जिनके पंडालों में विराजमान प्रतिमा को बाहर से देखना संभव नहीं हो पाएगा। पिछले साल हाईकोर्ट के निर्देश के कारण दर्शनार्थी पंडालों में प्रवेश नहीं कर पाए थे। दूसरी तरफ राज्य सरकार ने पिछले साल की तरह इस बार भी पूजा कार्निवल का आयोजन नहीं करने का निर्णय लिया है यानी रेड रोड पर इस बार भी दुर्गा प्रतिमाओं की झांकी देखने को नहीं मिलेगी।

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