राज्‍य व्‍यापी विरोध प्रदर्शन का लिया फैसला

कोलकाता। तामम तरफ से चोट खाने के बाद प्रदेश भाजपा समझ नहीं पा रही कि वह क्या करे। ऐसे में प्रस्तावित रथयात्रा के दीप को जलाये रखने के लिये प्रदेश भाजपा ने तीन जनवरी को कोलकाता में कानून तोड़ो अभियान चलाने का ऐलान किया है। भाजपा ने राज्य में अपनी रथ यात्रा पर छाई अनिश्चितता को देखते हुए राज्‍य व्‍यापी विरोध प्रदर्शन की अपनी रणनीति के तहत यह फैसला लिया है। इससे पहले भाजपा ने रथयात्रा की इजाजत न दिये जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भाजपा की याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट इस समय शीतकालीन अवकाश की वजह से 1 जनवरी तक बंद है। भाजपा 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले रथ यात्रा के जरिए प्रदेश के मतदाताओं के बीच पहुंच बनाने का प्रयास कर रही है। गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा पश्चिम बंगाल में प्रस्तावित रथयात्रा को कलकत्ता हाई कोर्ट ने मंजूरी दी थी। पर एकल पीठ के इस आदेश को पश्चिम बंगाल सरकार ने खंडपीठ में चुनौती दी थी। इसके बाद कलकत्ता हाई कोर्ट के डिविजन बेंच ने हाई कोर्ट की सिंगल बेंच के फैसले को खारिज कर दिया था। बता दें कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को उत्तर बंगाल के कूच बिहार से इस यात्रा को 7 दिसंबर को हरी झंडी दिखानी थी। ममता बनर्जी सरकार ने ‘गणतंत्र बचाओ यात्रा’ को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। सरकार की ओर से दलील दी गई थी कि अगर रथयात्रा निकाली गई तो प्रदेश में सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ सकता है।

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