पुलिस वालों ने किया शादी का आयोजन

मेदिनिपुर। आमतौर पर शादी विवाह की बात आते ही लड़का व लड़की के परिवार वालों द्वारा विवाह का आयोजन व तैयारी की जाता है। लेकिन यहां विवाह के बंधन में पुलिस वालों ने दो ऐसे लोगों को बांध दिया जो जिनकी बंदुके कभी गरजती थी। जी हां, पश्चिम मेदिनिपुर जिला पुलिस की पहल पर आत्मसमर्पण कर चुके दो नक्सलियों का विवाह करवाया गया। विवाह के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से सभी आवश्यक इंतजाम किये गये। विवाह बन्धन में बंधे नक्सलियों के नाम दिलीप महतो एवं सुलेखा महतो है। दिलीप महतो पश्चिम मेदिनिपुर जिले के शालबनी के वीरभानपुर के निवासी है जबकि सुलेखा पश्चिम मेदिनिपुर जिले के आदुलि इलाके की रहने वाली है। ये दोनों कुछ समय पहले तक माओवादी स्क्वायड के सदस्य थे। पिछले दिनों राज्य सरकार के पुनर्वास पैकेज से उत्साहित होकर दोनों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। राज्य सरकार ने दोनों को होम गार्ड की नौकरी भी दी थी। दोनों को समाज की मुख्य धारा में वापस लाने के उद्देश्य से पुलिस ने उन्हें विवाह बंधन में बांधने की पहल शुरू की थी। बुधवार रात शालबनी के कर्णगढ़ इलाके में स्थित महामाया मंदिर में दोनों का विवाह संपन्न हुआ। वैवाहिक समारोह में इंतजामों की देखरेख जिला पुलिस अधीक्षक आलोक राजोरिया ने स्वयं की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य दोनों को समाज की मुख्य धारा में लाना था। चूंकि अब ये दोनों सामाजिक बन्धनों में बंध चुके हैं, लिहाजा हम अपने उद्देश्य में कामयाब हुए।विवाह के बाद स्थानीय एक लाज में प्रीतिभोज का आयोजन किया गया जिसमे वर-वधू के रिश्तेदारों के साथ-साथ जिला पुलिस के कई अधिकारी शामिल हुए।

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