रमेश राय/जाकिर
सागरद्वीप । मोक्षनगरी के तौर पर ख्यात सागर व गंगा की संगम स्थली गंगा सागर में भले ही राज्य सरकार के द्वारा गंगा सागर मेले में तमाम इंतजाम के दावें किये जाते हों लेकिन विश्व प्रसिद्ध गंगासागर मेला स्वंय सेवी संस्थाओं की मदद के बगैर आयोजित करना सम्भव नहीं है। इस साल भी मोक्षधाम गंगासागर में  स्वंय सेवी संस्थाओं का भागीरथ योगदान रहा। ऐसे में भगवान बिष्णु के दसवें अवतार कपिल मुनि के नगर सेवासागर में बदला दिखा। गंगासागर तमाम संस्थाओं की माने तो लाखों तीर्थ यात्रियों के रहने, खाने-पिने से लेकर तमाम व्यवस्था का निशुल्क इंतजाम करना आसान नहीं रहा। बजरंग परिषद, भारत सेवाश्रम, सेंट जान एम्बूलेंस ब्रिगेड, कोलकाता वस्त्र व्यवसायी समिति , बड़ाबाजार व्यापारी संघ, इस्कान जैसी तामाम स्वंय सेवी संस्थाओं ने तीर्थ यात्रियों की सेवा में दिन-रात एक कर सेवा के अर्थ को चरितार्थ कर दिया। उक्त मामले पर गंगासागर मेला में कार्यरत तामाम एनजीओ के लोगों ने दावा करते हुए बताया कि मेले का आयोजन भले ही सरकार करती रही हो ,लेकिन स्वंय सेवी संस्थाओं की मदद के बगैर उक्त मेले की व्यवस्था को सम्भाल पाना सरकार की बस की बात नहीं है।भारत सेवाश्रम के स्थानीय प्रमुख स्वामी निमाई महाराज ने कहा कि स्वंय सेवी संस्था के कर्मियों के मन में सेवा का जुनून होता है इसलिये हम लोग तमाम परेशानी को सहते हुए भी मानव सेवा परम घर्म को चरितार्थ करते हैं।उन्होंने बताया कि भारत सेवाश्रम दावारा लगातार हर स्तर पर हर रोज हजारों की शंख्या में तीर्थ यात्रियों के खाने से लेकर रहने सहित अन्य व्यवस्था किया जाता है।
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