नवान्न में भेजा सम्बंधित आशय का पत्र

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राजनीतिक कॅरियर की सफलता के लिये युक्रेन की सरकार उन्हें मानद तौर पर डॉक्टरेट की डिग्री प्रदान करेगी। उक्त आशय की जानकारी युक्रेन की सरकार के नैशनल यूनिर्सिटी  ऑफ रेलवें ट्रांसपोर्ट के द्वारा मुख्यमंत्री को एक चिट्ठी राज्य सचिवालय नवान्न में भेज कर दी गयी है। चिट्ठी में  वहां की सरकार के द्वारा ममता बनर्जी को उक्त उपाधी देने की इच्छा जतायी गयी है। हलांकि ठीक किन कारणों से मुख्यमंत्री को उक्त मानद डिग्री दिया आएगा यह साफ तो नहीं हो सका है लेकिन नैशनल यूनिर्सिटी  ऑफ रेलवें ट्रांसपोर्ट के द्वारा बताया गया है कि ममता बनर्जी जब रेलमंत्री थीं तब युक्रेन की सरकार उनके काम से प्रभावित थी। इसके अलावा वैश्विक दीदी ने सीएम के तौर पर कन्याश्री, खाद्यसाथी, जल धर जल भर योजनाओं को धराताल पर लाकर अपने काम को अंजाम दिया है। इन तमाम कारणों के के तहत ही ममता बनर्जी को उक्त डिग्री दी जाएगी।  वैसे चिट्ठी पाने के बाद भी सीएमओ कार्यालय के द्वारा कोई जवाब युक्रेन की सरकार को नहीं भेजा गया है। ऐसे में सवाल उठना लाजमि हैकि वह उक्त उपाधी को ग्रहण करेंगी कि नहीं, इस पर संशय बरकरार ही है। जहां युक्रेन की सरकार रेलमंत्री रह चुकी ममता बनर्जी के कार्य से प्रभावित है वहीं विरोधियों के द्वारा तत्कालिन रेलमंत्री ममता बनर्जी के द्वारा उनके विभाग केकार्य पर सवाल उठाये जा रहे है। विरोधियों का आरोप है कि वह जब रेलमंत्री थी तब रेल आइसीओ में चला गया था। ऐसा बयान खुद उनके ही पार्टी के सांसद दिनेश त्रिवेदी पहले दे चुके हैं। ऐसे में ममता बनर्जी के विरोधियों को उन्हें मानद डॉक्टरेट की डिग्री को दिये जाने के युक्रेन सरकार के निर्णय को संदेह की नजर से देखा जा रहा है और मामले में उन्हें किसी खास तरह की गंध भी मिल रही है । ज्ञात रहे कि दशको पहले भी ममता बनर्जी के कथित डॉक्टरेट की डिग्री फर भी सवाल उठे थे और जो समय-समय पर विरोधियों का हथियार भी बनता रहा है। यहीं नहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राजनीतिक कॅरियर की सफलता को लेकर भुवनेश्वर के कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्टि्रयल टेक्नोलाजी केआईआईटी और कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के संस्थापक निदेशक डॉ अच्युता सामंत ने आज मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद उन्हें डाक्टरेट की डिग्री देनेकी इच्छा जाहिर किया था।
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