पहलगाम । राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने आगामी अमरनाथ यात्रा को ध्यान में रखते हुए 23 जून 2016 से 28 जून 2016 के बीच जम्मू-कश्मीर के बालटाल और पहलगाम आधार शिविरों में मॉक अभ्यास आयोजित कर तैयारियों का जायजा लिया। पहला 23-25 जून 2106 के बीच गंदेरबल जिले के बालटाल से आगे के मार्ग पर आयोजित किया गया और जहां बादल फटने और आग से जुड़े परिदृश्यों पर काम किया गया।SHIV 5 दूसरी मॉक अभ्यास 26-28 जून 2016 से चंदनवाड़ी कैंप मार्ग पर स्थित शिविर स्थलों पर आयोजित किया गया और जिसमें दोनों प्राकृतिक के साथ मानव निर्मित आपदाओं पर भी ध्यान केन्द्रित किया गया था। दो एनडीएमए की टीमें जिनमें एक का प्रबंधन मेजर जनरल रिटायर्ड वी के दत्ता और दूसरे का बी बी गडनायक के हाथों में था, जिन्होंने आपदा प्रबंधन के कई महत्वपूर्ण पहलूओं जैसे हादसा रिस्पांस टीम बनाना, विभिन्न प्रतिभागी एजेंसियों के बीच समन्वयन, निकासी, चिकित्सा तैयारियों और आघात परामर्श पर प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया। मेजर जनरल वी के दत्ता ने कहा कि इस अभ्यास का उद्देश्य श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी), जिला प्रशासन और अन्य सरकार एजंसियों के अधिकारियों के बीच आपदा के समय तालमेल को ध्यान में रखकर किया गया था।

mahadev shiv shankar7दोनों मॉक अभ्यास पहले दिन समन्वय सम्मेलन और दूसरे दिन टेबल टॉप के साथ शुरू हुआ। इस मॉक अभ्यास में सभी विभागों जैसे अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी), राष्ट्रीय आपदा विमोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा विमोचन बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय रायफल्स, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल,सेना, पुलिस, स्वास्थय, सिविल डिफेंस, परिवहन, अग्निशमन और अन्य आपातकालीन सेवाओं के अधिकारियों एवं लोगों ने भाग लिया तथा तैयारियों से संबंधित पहलूओं पर चर्चा भी की । अभ्यास के बाद एनडीएमए विशेषज्ञों ने पूरे ऑपरेशन पर चर्चा की और जिन क्षेत्रों में सुधार की जरूरत है उस पर विचार-विमर्श किया। श्री गडनायक ने कहा कि “विभिन्न एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय आपदा प्रबंधन की सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।” दक्षिण कश्मीर में पवित्र गुफा की वार्षिक अमरनाथ यात्रा 2 जुलाई 2016 से शुरू हो जाएगा।एनडीएमए नियमित रूप से विभिन्न आपदाओं के लिए तैयारियों और प्रतिक्रिया तंत्र में सुधार करने के लिए देश भर में इस तरह के मॉक अभ्यास आयोजित करता रहता है। इस महीने की शुरूआत में एनडीएमए ने हरियाणा के अंबाला में बाढ़ की तैयारियों और त्रिपुरा में भूकंप की तैयारियों पर भी मॉक अभ्यास का आयोजन किया था।

 

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