गंगाघाटों पर उमड़ी आस्था का सैलाब

प्राय जगहों पर दिखी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

जगदीश यादव
कोलकाता। महानगर कोलकाता  सहित राज्य के हिस्सों में उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्घ्य देने के साथ ही चार दिनों का सूयरेपासना का महापर्व छठ आज सुबह संपन्न हो गया। सुबह लाखों लोग विशेषकर महिलाओं ने नदियों, जलाशयों में डुबकी लगाई और उगते सूर्य की प्रार्थना की। छठ पर्व को देखते हुए राज्यभर में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे।

उगी हे सुरुज देवः गार्डेनरीच स्थित सूर्यनामघाट में सूर्यदेव के उदय होने की बाट जोहती व्रती व अन्य श्रद्धांलु। फोटो- फिरोज आलम

एक-दो छिटपुट घटनाओं को छोड़ दिया जाए तो छठ त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया। आज सुबह  व्रतियों ने महानगर कोलकाता के बाबूघाट, प्रिंसेपघाट, दहीघाट, सूर्यनामघाट यानी बिचालीघाट, बीएनआर घाट, बजबजघाट, शिवगंगा तालाब के तट पर उगते सूर्यदेव को पर्व का दुसरा अर्घ्य प्रदान किया व व्रत का पारण किया। उक्त जगहों पर  पैर रखने की जगह नहीं थी । एक दिन पहले राज्य के विभिन्न इलाकों में अन्य गंगाघाट, नदियों, तालाबों और विभिन्न पाकरें तथा सार्वजनिक स्थानों पर बनाए पानी के कुंड में खड़े होकर अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया था।

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पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक महानगर कोलकाता के अलावा राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी भगवान सूर्य की अराधना के लिए आज सुबह सुबह लाखों श्रद्घालु गंगा सहित अन्य गंगाघाट व तालाब, नदी किनारे पर जमा हुए। इसके अलावा बजबज, बिरलापुर, बैरकपुर, पोर्ट अंचल सहित अन्य जिलों में भी गंगाघाट व जलाशयों के किनारे भारी भीड़ देखी गई। इधर गार्डेनरीच स्थित सूर्यनामघाट में हर वर्ष की तरह इस साल भी रिकार्डतोड तौर पर छठ व्रती उपस्थित रहें। व्रतियों, पुलिस व स्वंयसीवी संस्था के अनुसार यहां लाखों श्रद्धांलु आये। इस घाट पर सेवा कार्य में जुटी एक मात्र संस्था गार्डेनरीच सेवा समिति के अक्ष्यक्ष उत्तम साव ने बताया कि यहा छठ पूजा पर कई दशक से इस घाट पर लाखों श्रद्धांलु का समागम होता है। इस साल सेवा मंच को भीड़ के मद्देनजर स्थांतरण किया गया ताकि पूजा में और ज्यदा सहुलिय मिले। स्थानीय तृणमूल नेता मो. अकबर ने बताया कि मटियाबुर्ज के वार्ड 134 के स्थानीय तृणमूल पार्षद शम्स इकबाल (अनिल) व पूर्व चेयरमैन (बोरों 15 ) मो. इकबाल (मुन्ना) के द्वारा व्रतियों व श्रद्धांलुओं के लिये खाने पिने से लेकर कई तरह की हर सम्भावित व्यवस्था की गई व घाटों की साफ सफाई भी कराई गई थी। महानगर के तमाम गंगाघाटों पर अतिरिक्त संख्या में तैनात पुलिसकर्मी सड़कों से लेकर गंगा घाटों तक सुरक्षा देते रहे । गंगा नदी में भी बड़ी संख्या में कोलकाता पुलिस की रिवर पेट्रोलिंग टीम गस्ती लगा रही है ताकि किसी तरह की कोई अप्रिय घटना ना घटे। ज्ञात हो कि छठ पर्व, छठ या षष्‍ठी पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाने वाला एक हिन्दू पर्व है। सूर्योपासना का यह अनुपम लोकपर्व मुख्य रूप से पूर्वी भारत के बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है। प्रायः हिन्दुओं द्वारा मनाये जाने वाले इस पर्व को इस्लाम सहित अन्य धर्मावलम्बी भी मनाते हैं। धीरे-धीरे यह त्योहार प्रवासी भारतीयों के साथ-साथ विश्वभर में प्रचलित हो गया है।  छठी मैया की पूजा के लिए व्रती महिलाएं 36 घंटे से अधिक समय तक भूखी रहती हैं जबकि उन्हें ना तो भूख लगती है और ना ही प्यास। इसीलिए इसे आस्था का महापर्व कहा जाता है।इस त्योहार पर सूर्य की अराधना की जाती है। सूर्य देव को फल, घर पर बनाए गए ठेकुआ, चावल के लड्डू (कचवनिया) सहित कई प्रसाद सामग्री चढ़ाई जाती है। सभी प्रसाद बांस की बनी टोकरी और सूप में चढ़ाए जाते हैं।भगवान भास्कर की उपासना का महापर्व छठ रविवार को नहाय खाय के अनुष्ठान के साथ शुरू हुआ था। अगले दिन यानी सोमवार को व्रतियों ने निर्जला उपवास रखकर खरना के तहत दूध, अरवा चावल तथा गुड़ से बनी खीर एवं रोटी के प्रसाद का भोग लगाया। ज्ञात हो कि एक दिन पहले प्रथम अर्घ्य के दिन हर वर्ष की तरह राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने छठ महापर्व के पवित्र अवसर पर आज  महानगर के पोर्ट अंचल स्थित  दहीघाट में जाकर छठव्रतियों कोशुभकामनायें दीं थी । ममता बनर्जी ने छठव्रतियों को सम्बोधित करते हुये कहा था कि गंगा सबकी समान रुप से मां है।छठ पर्व में उनकी गहरी आस्था है।

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