एनआईए की छापेमारी से उद्योग जगत में सनसनी फैली

जांच एजेंसी को मिले आपत्तिजनक दस्तावेज व विदेशी मुद्रा

कोलकाता। कई वर्षों पहले इस राज्य में नक्सली सरकार के लिये सिर दर्द बने हुए थें। लेकिन इनके दमन अभियान के बाद से इनका उत्साह जैसे दब गया था। लेकिन अब नैशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) की स्पेशल सेल ने महानगर कोलकाता के एक बड़े व्यसायी के प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की। व्यवसायी पर नक्सल फंडिंग का आरोप लगा है। एनआईए की स्पेशल टीम वर्दवान के दुर्गापुर पहुंची और यहां जयश्री स्टील्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की। टीम कंपनी के मालिक सोनू अग्रवाल के घर पहुंची और पड़ताल की। सूत्रों की मानें तो वामपंथी विचारधारा के लोगों को फंडिंग किए जाने के मामले में यह छापेमारी की गई है।  4-5 साल पहले सोनू अग्रवाल का आसनसोल-दुर्गापुर इलाके के उद्योग जगत में कोई अस्तित्व नहीं था। बीते दो वर्षों में उसने अपने उद्योग में 1400-1500 करोड़ रुपये निवेश किए। उसके पास अपने व्यक्तिगत बॉडीगार्ड्स हैं। यहां तक कि इलाके में जो भी जमीनों की डील होती है उनमें से 70 फीसदी में सोनू अग्रवाल का हस्तक्षेप होता है। सोनू के प्रतिष्ठानों पर सुबह लगभग साढ़े सात बजे छापेमारी शुरू हुई। एनआईए के साथ छापेमारी में सीआरपीएफ के जवान भी मौजूद थे। कंक्षा पुलिस का छापेमारी के दौरान सहयोग लिया गया। सूत्रों की मानें तो सोनू के प्रतिष्ठानों से एनआईए को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं। सूत्र की मानें तो सोनू अग्रवाल की आय और व्यय की गहराई से जांच चल रही है। बता दें कि एनआईए ने नक्सलियों की आतंकी फंडिंग केस मामले में मंगलवार से ही बंगाल के अलावा झारखंड के रांची, जमशेदपुर, हजारीबाग और राज्य  के दुर्गापुर सहित कुल 15 स्थानों पर छापेमारी की।एनआईए को कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं जिससे नक्सलियों की उग्रवादी गतिविधियों  के लिए की गई फंडिंग की पुष्टि होती है। एनआई द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक जांच एजेंसी की 15 टीम ने जांच अभियान में हिस्सा लिया। झारखंड पुलिस के सहयोग से की गई जांच में आम्रपाली और मगध कोलफील्ड से निकलने वाले कोयले की खरीद व परिवहन से जुड़ी कंपनियों के प्रबंधकों के यहां छापेमारी की गई। इन पर नक्सली संगठन तृतीया प्रस्तुति कमेटी (टीपीसी) को फंड उपलब्ध कराने का आरोप है। जांच के दौरान एनआईए की टीम ने कई चीजें बरामद की हैं जिनसे आतंकी फंडिंग के आरोपों को बल मिला है। जांच एजेंसी ने फंड से जुड़े दस्तावेज जब्त किए हैं। इसके अलावा उन बैंक खातों का पूरा ब्यौरा लिया गया है जिनसे कथित तौर पर लेनदेन हुआ है। एफडी, लेवी राशि की कटौती से जुड़े कागजात, कम्प्यूटर, हार्ड डिस्क, मोबाइल, डायरी आदि जब्त की गई है। इन दस्तावेजों में टीपीसी और पीएलएफआई (पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया) को दिए गए पैसों की इंट्री दर्ज मिली है। एनआईए सूत्रों का कहना है कि नक्सलियों को फंडिंग के मामले में कई तरह की परतें खुल रही हैं। कंपनियों से जबरन वसूली के अलावा आपसी सांठगांठ के पुख्ता सबूत एजेंसियों को मिले हैं। जांच एजेंसी संबंधित लोगों से पूछताछ और मिले दस्तावेजों की गहन जांच के बाद मामले को आगे बढ़ाएगी। जांच एजेंसी की नजर नक्सलियों के अलग अलग धंधों में लिप्त होने पर भी है। कई नक्सली नेता अपना पैसा रियल एस्टेट के कारोबार में लगा रहे हैं। एनआईए ने छापे के दौरान करीब 68 लाख रुपये की भारतीय मुद्रा के साथ ही 1300 यूएस डालर व 10 हजार सिंगापुर डॉलर के साथ 86 हजार रुपये जब्त किए हैं। इसके साथ ही पुराने नोट भी जांच एजेंसी ने जब्त किए हैं।
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