धुंए के कारण अस्पताल के एक मरीज की मौत

मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य सहित शोभन चटर्जी घटना स्थल पर पहुंचे

तीन मरीज व एक दमकल कर्मी घटना के दौरान अस्वस्थ्य 

दमकल के दस इंजनों से मिली आग से राहत

अगलगी की जांच करेगी पांच सदस्यीय कमेटी

कोलकाता। बड़ाबाजार स्थित बागड़ी मार्केट की आग को लोग अभी भूल भी नहीं सके थें कि अक महानगर कोलकाता के मेडिकल कॉलेज अस्पताल के फार्मेसी स्टोर में भीषण आग लगने से हाहाकार मच गया। आग की भयावहता को देखते हुए आनन फान में  करीब 200 से अधिक मरीजों को अब तक बाहर निकाल कर उन्हें आग से सुरक्षित बचाया गया। दमकल के अनुसार जिस फार्मेसी स्टोर में आग लगी उसके ठीक सामने ही अस्पताल का इमरजेंसी वार्ड है । वार्ड में मौजूद सभी मरीज सुरक्षित बताए जा रहे हैं। आज सुबह 8:00 बजे के करीब आग लग गई। आग के दौरान अस्पताल के एक मरीज सईदुल इस्लाम मलिक की मौत तब हो गयी जब उन्हें अस्पताल से सुरक्षित बाहर निकाला जा रहा था। दावा किया जा रहा है कि शईदुल की मौत स्वांस की कमी के कारण हुई है। चारो ओर धुंए के गुबार के कारण उक्त मरीज को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। घटना स्थल पर स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य भी पहुंची और स्थिती का जायजा लिया। खबर के लिखे जाने से धुंए के के कारण तीन मरीज व एक दमकल कर्मी भी अस्वस्थ्य हो गये है। घटना की जांच के लिये पांच सदस्यीय लोगों की एक एक कमेटी का गठन किया गया है। इधर आग को बुझाने में अग्निशमन विभाग की 10 गाड़ियों को डेढ़ घंटे तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। दमकल विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में बताया कि सुबह के समय अस्पताल के आपातकालीन वार्ड के ठीक सामने स्थित डिपार्टमेंट ऑफ फार्मेसी में आग लग गई थी। बड़े पैमाने पर धुआं और आग की लपटें निकलने की वजह से अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई थी। आस-पास स्थित वार्डों में भर्ती भारी संख्या में मरीजों को जैसे तैसे स्ट्रेचर पर या कपड़े में टांग कर बाहर निकाला गया। हालात इतने डरावने बन गए थे कि कई मरीजों को सड़क के किनारे कपड़ा बिछाकर लिटा दिया गया था। रोगियों के परिजनों में भी अफरा-तफरी और भागदौड़ का माहौल बन गया था। अस्पताल में भर्ती अपने-अपने परिजनों को देखने और सुरक्षित बाहर निकालने के लिए करीब 20 मिनट तक अस्पताल में अफरा-तफरी मची रही। हालांकि सूचना मिलने के तुरंत मौके पर पहुंची पुलिस की टीम ने हालात को संभाला। इधर जानकारी मिलने के बाद तुरंत पहुंची दमकल विभाग की एक के बाद एक 10 गाड़ियों ने सबसे पहले आग को फैलने से रोका एवं करीब डेढ़ घंटे के अंदर पूरी आग को काबू में कर लिया। हालांकि घटना की वजह से लगातार निकल रहे थे धुएं ने मरीजों की हालत बिगाड़ दी थी। आग को बुझा लिया गया है बताया गया है कि इसमें लाखों रुपये की औषधि जलकर खाक हो गई है। आग लगने के कारणों के बारे में पता लगाने की कोशिश की जा रही है।मामले पर मेयर और दमकल मंत्री शोभन चटर्जी बताया कि  कि आग बुझाने की कोशिश जारी है, इलाके में भारी धुआं हो गया है जल्द ही हालात पर काबू पा लिया जाएगा। सभी मरीजों को सुरक्षित जगहों पर भेज दिया गया है।उन्होंने आग को कारण की जांच की बात भी कही। अस्पताल अधीक्षक इंद्रनील बिश्वास ने घटना में किसी मरीज के नुकासान से इंकार किया है। मामले पर बात करने के लिये तृणमूल के विधायक व वेस्ट बंगाल मेडिकल कांउसिल के अध्यक्ष डा. निर्मल मांझी ने जानकारी देते हुए कहा कि, घटना की जांच के लिये पांच सदस्यीय लोगों की एक एक कमेटी का गठन किया गया है। जबकि कुछ लोग आग के नाम पर दहशत फैला रहें हैं। ऐसा करना ठीक नही है। हम पूरे मामले पर बारीकी से नजर रखे हुए है और मरीजों को हर स्तर की सेवा मुहाया करायी जा रही है। जबकि मामले पर माकपा के वरीय नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि पूरा राज्य लाक्षागृह के रुप में बदल गया है। ज्ञात हो दिसंबर 2011 में कोलकाता के ढाकुरिया में स्थित एएमआरआई (आमरी) अस्पताल में आग लगने से 92 लोगों के मौत हो गई थी। बताया गया था कि अस्पताल ने आग से बचाव के नियमों का पालन नहीं किया था। वही इसी माह बड़ाबाजार का बागड़ी मार्केट आग में राख हो गया है।
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