फिरोज आलम
कोलकाता। आज ऊंची उड़ान में हम आपसे एक ऐसी सख्सियत जैद अनवार मोहम्मद . से मुलाकात करवा रहे है जो पूरी सिद्दत से देश समाज की सेवा में अपना एक लम्बा वक्त बिताते हैं। भले ही ही जैद का ढेरों समय व्यवसाय के मामले में विदेशों में वितता है, लेकिन अपने वतन की खुशबू उन्हें बेचैन करती है। कारी अहमर फाउण्डेशन के संस्थापक जैद अनवार मो. आज हर स्तर पर समाज के जरुरतमंद लोगों की सेवा कर रहें है। ”फिरोज आलम” के साथ बातचीत में जैद अनवार मो ने कई चीजों का खुलासा किया। कारी अहमर फाउण्डेशन का ध्येय युवाओं में साक्षरता, धर्मनिरपेक्षता, संस्कृति सहित तमाम विषयों पर जागरुकता से लेकर उनकी मदद और सेवा को महत्व देना है। उक्त ध्येय के तहत ही जैद ने अपने पिता के नाम पर क़ारी अहमर फाउंडेशन की स्थापना की।कभी कारी अहमर फाउंडेशन द्वारा वोटर आईडी कार्ड (सचित्र मतदाता परिचय पत्र) बनाने के लिए लोगों को जागरूक किया गया।तो कभी मीडिया के सरोकार के मसले पर। जैद अनवार का कहना है कि उन्हें राजनीति तो करना नही है इसलिये वह अपना सेवा कार्य विना किसी रंग में रंगे कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के लखनऊ के निवासी कारी अहमर इस्लामिक स्कॉलर, भाषाविद् और कवि थे। अरबी, फारसी और उर्दू भाषा के विद्वान थे। लेकिन बदलते वक्त के खिंचाव से वह लखनऊ कई दशको पहले अपने परिवार के साथ कोलकाता आ गए थे। इनका जन्म 6 मार्च 1938 को हुआ। वर्ष 1961 में वह परिवार समेत कलकत्ता आ गए और फिर यहीं बस गए।

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