किडनी तस्कर गिरोह की एक महिला सदस्य हावड़ा से गिरफ्तार
कोलकाता व देहरादून पुलिस की टीम के हत्थें चढ़ी
भेजी गयी 3 दिनों के ट्रांजिट रिमांड पर देहरादून
महानगर से पहले भी हुई है किडनी गिरोह के सरगना की गिरफ्तारी

कोलकाता/हावड़ा। वर्ष 2016 के जून माह में अंतराष्ट्रीय किडनी गिरोह के सरगना टी.राजकुमार राव के महानगर कोलकाता से गिरफ्तारी के बाद से देश भर में सनसनी फैल गई थी। वहीं उक्त गिरफ्तारी से साबित हुआ कि किस तरह से किडनी गिरोह के द्वारा महानगर में भी अपना जाल फैला रखा है। महानगर कोलकाता में किडनी गिरोह किस तरह से अपना काम कर रहा है यह एक बार फिर प्रमाणित हुआ है। अब महानगर कोलकाता से‌ सटे और नो मेंसनलैण्ड भी कहे जाने वाले हावड़ा से पुलिस द्वारा अंतरराज्यीय किडनी तस्कर गिरोह की एक महिला की गिरफ्तारी से राज्य में किडनी गिरोह की जडें कितनी गहरी यह यह एक बड़ा सवाल बन गया है। हावड़ा के एक ठिकाने पर छुप कर रह रही अंतरराज्यीय किडनी तस्कर गिरोह की एक महिला चंदना गुड़िया (44) को कोलकाता पुलिस की खुफिया टीम और देहरादून पुलिस की टीम ने शनिवार रात गिरफ्तार किया है। चंदना को हावड़ा जिले के जगाचा वीआईपी कॉलोनी से जिला पुलिस की मदद से गिरफ्तार किया गया है। रविवार को उसे हावड़ा कोर्ट में पेश कर 3 दिनों के ट्रांजिट रिमांड पर लेकर देहरादून पुलिस की टीम रवाना हो गई है। इस बारे में कोलकाता खुफिया विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देहरादून पुलिस की टीम गुरुवार से ही कोलकाता में डेरा डाली थी। चंदना गुड़िया के मोबाइल का लोकेशन कभी कोलकाता तो कभी हावड़ा दिखा रहा था। इसके बाद पुलिस की टीम ने संयुक्त रूप से अभियान चलाया एवं शनिवार की रात उसे जगाचा स्थित वीआईपी कॉलोनी से गिरफ्तार कर लिया गया। पिछले महीने वह हावड़ा की दो किडनी दाता महिलाओं को लेकर वह देहरादून गई थी। वहां ले जाकर उसने दोनों की किडनी निकलवा कर बेच दिया था। उन्होंने बताता कि देहरादून में एक साल पूर्व डोईवाला के लालतप्पड़ में हुए किडनी ट्रांसप्लांट के अवैध धंधे में शामिल अमित राऊत गैंग की वह एजेंट है। ज्ञात हो कि बीते साल 11 सितंबर को उत्तराखंड पुलिस ने हरिद्वार हाईवे से पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें से दो की किडनी किडनी कांड सरगना अमित राऊत ने गंगोत्री हास्पिटल में निकाल ली थी, जबकि पैसे की लेनदेन को लेकर बात बिगड़ने के चलते दो की किडनी नहीं निकाली जा सकी। इस दौरान हत्थे चढ़े जावेद खान ने अमित का पूरा कच्चा चिट्ठा खोल कर रख दिया। इसके बाद पुलिस जब गंगोत्री चैरिटेबल हास्पिटल लालतप्पड़ डोईवाला पहुंची तो अमित व अस्पताल का संचालक राजीव दोनों फरार चुके थे। सर्विलांस के जरिए दोनों के नंबर ट्रेस कराए गए तो अमित की लोकेशन पंचकूला में मिल गई। अमित को 16 सितंबर को पंचकूला के सेक्टर-18 स्थित पल्लवी होटल से गिरफ्तार कर लिया गया। इधर मामले में पुलिस सक्रियता के भनक लगने के बाद चंदना भूमिगत हो गई थी और जैसे-तैसे कोलकाता गई थी। पुलिस को प्राथमिक तौर पर अनुमान है कि कोलकाता में उसके और कई साथी मौजूद है उससे पूछताछ कर उन लोगों की भी गिरफ्तारी की जाएगी। मिली जानकारी को सही माने तो ऐसे भी किडनी डोनर्स रहें हैं जिनका एक समय में व्यवसाय या काम अच्छा चलता था लेकिन किन्हीं कारणों से वह आर्थिक तबाही के शिकार हों गये थें। ऐसे लोग भी किडनी देते रहें हैं। सूत्रों की माने तो किडनी गिरोह की नजर खास तौर पर उन ग्रामीणों पर होती है जो आर्थिक तौर पर काफी कमजोर होंते हैं। ऐसे में अगर उक्त वर्ग के लोगों के घर में लड़की की शादी हो या कोई असाध्य रोग से पीड़ित हो गिरोह का का आसान हो जाता है।

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