मानव सेवा का खमियाजा भुगत रहा है वैन चालक

जगदीश यादव

कोलकाता।यह कहावत बच्चोे के साथ भक्ति करने वाले भक्ति दा के लिये सटीक साबित हुई कि हवन करने से हाथ भी जलता है। जी हां, पूर्व मेदिनीपुर के खेजूरी के निवासी व पेशे से रिक्शा वैन चालक को इस लिये राजनीतिक षड़यत्र का शिकार होना पड़ा क्यो कि उन्होंने अनाथ बच्चो के लिये बिना किसी सरकारी मदद के अनाथ आश्रम वह भी अपने बल पर अपनी जमीन पर बना डाला था। वहीं अंधेर नगरी की चौपट व्यवस्था इस घटना से अंजान लगता है कि सो रही थी। मानवाधिकार संगठन एनएचआरसी के पदाधिकारी चंद्रभान सिंह ने बताया कि हमलोग तमलुक सीपीडीआर के संयुक्त तत्वाधान में भक्ति दा से मिले और उनके आश्रम में बच्चो से बातचीत की और घटना की जानकारी ली तो हैरत हुआ। चंद्रभान सिंह ने बताया कि आईला तूफान के कारण काफी जानमान का नुकसान हुआ था। आईला के कारण तमाम लोगों की मौत भी हुई थी और मृतकों के बच्चे अनाथ हों गये थे। ऐसे में रिक्शा वैन चालक ने 56 बच्चो को पहले अपने घर में रखा फिर अपनी जमीन में आश्रम बना कर इन बच्चो को रख रहें हैं। लेकिन एक राजनीतिक पार्टी के लोगों का दबाव भक्ति दा पर कथित तौर पर पांच लाख की रंगदारी के बढ़ा। पैसे नही देने पर भक्ति दा को झूठे मामले में फंसा कर जेल भिजवा दिया गया। सिंह ने बताया कि अब भक्ति दा को कोई परेशान नहीं कर सकता है। कारण सीपीडीआर के राष्ट्रीय सचिव बिप्लव घोष, अभिनेत्री मंजूश्री, नामचीन बाउल गायिका पुष्पा दत्ता सहित मंटू राय जैसे मानवाधिकार कर्मियों की एक बड़ी टीम उनके साथ है। जरुरत पड़ने पर मामले की जानकारी राष्ट्रपति को दी जाएगी।

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