*आयोग का अभूतपूर्व व सम्भावित ऐतहासिक कदम

           *क्लबों पर भी विशेष निगाह

          *पड़ोसी राज्य भी अलर्ट

*बीएसएफ ने बढाया अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निगरानी

-जगदीश यादव-

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में 5 मई को छठे चरण का मतदान होगा। केन्द्रीय चुनाव आयोग सूत्रों से मिले तथ्यों के अनुसार उक्त पांचवे यानी आखिरी चरण के मतदान से पूर्व व दौरान अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था होगी। विशेष सूत्रों की माने तो शायद उक्त तरह की सुरक्षा व्यवस्था के मध्य इस राज्य में कभा मतदान नहीं हुए थें। बतादें कि  इस चरण में 25 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होगा। निर्वाचन आयोग ने जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों और खास कर सीएपीएफ, राज्य पुलिस के कमांडरों को साफ निर्देश दिया है कि वे अपने क्षेत्र में कानून और व्यवस्था पर कड़ी नजर रखें और सुनिश्चित करें कि समाज के कमजोर वर्ग के लोगों समेत मताधिकार वाले सभी लोग विश्वास के साथ घर से बाहर निकल कर वोट डालने के अपने अधिकार का बगैर किसी दबाव और भय के इस्तेमाल कर सकें। आयोग ने यह भी निर्देश दिया है लोगों को वोट डालने में बाधा डालने, भय फैलाने या नागरिकों को नुकसान पहुंचाने वालों को हिरासत में लेना सर्वोच्च प्राथमिकता समझा जाए। ऐसे असामाजिक तत्वों को बेझिझक जेल में बंद किया जाए।

शांतिपूर्ण मतदान के लिए मतदान के दिन किसी गैरकानूनी जमावड़े को रोकने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 लागू की जाएगी। पश्चिम बंगाल में कानून और व्यवस्था से जुड़े सभी मामलों के निपटारे के लिए मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से सलाह-मशविरा किया जा रहा है। निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिया है कि इन मामलों में दर्ज एफआईआर पर आगे की कार्यवाही और कानूनी कदम उठाने के लिए समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित किया जाए। आयोग राज्य में कहीं भी किसी भी वक्त और किसी भी तरह की चुनाव पूर्व या इसके बाद की हिंसा को रोकने के लिए कड़ा कदम उठाने से नहीं हिचकिचाएगा।

निर्वाचन आयोग ने जोर देकर कहा है कि पुलिस अधिकारी समेत पूरी चुनाव मशीनरी किसी भी कीमत पर स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए तैयार है। इसके लिए यह हिंसा को किसी भी कीमत पर रोकेगी। अगले चरण में राज्य में जिन विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होगा, वहां के मतदान केंद्रों की सुरक्षा के साथ निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित कराया जाएगा। इसके लिए आयोग ने निम्नलिखित आदेश के अनुसार जिला प्रशासन ने हर जिले में थाना क्षेत्र के हिसाब से मौजूद असामाजिक तत्वों की समीक्षा की है और इन पर नजर रखने के लिए प्रभावी रणनीति तय की है ताकि कोई भी वोटरों को धमकी न दे सके और न ही वोट डालने में बाधा डाल सके।

आयोग ने चुनाव क्षेत्र में बाहरी और मोटरसाइकिल चालकों को लेकर कड़ा निर्देश दिया है। बाइकरों की गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए स्पेशल बाइक मोबाइल प्रभावी ढंग तैनात किए हैं। इन्हें सघन और विस्तारित तरीके से तैनात किया गया है। रात में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए समर्पित सीपीएफक्यूआरटी के जरिये रात्रि गश्त की जा रही है।

अंतर जिला, राज्य और अंतरराष्ट्रीय सीमा की सिलिंग के लिए सैकड़ों नाकाओं का निर्माण किया गया है। पड़ोसी राज्यों के प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है साथ ही उनके साथ मिल कर गश्त करने और अंतरराज्यीय सीमाओं को सील करने के लिए कहा गया है।

बीएसएफ को पिछले 48 घंटों के अंदर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निगरानी बढ़ाने के लिए कहा नदी मार्ग से असामाजिक तत्वों के प्रवेश को रोकने के लिए उन रास्तों पर पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। उन्हें सर्चलाइटों और प्रभावी संचार व्यवस्था से लैस किया गया है। गया है।

आयोग ने जिला चुनाव अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों,  पर्यवेक्षकों और चुनाव से जुड़े दूसरे पक्षों से सलाह-मशविरा कर असामाजिक तत्वों की पहचान की है और इन पर पुलिस की कड़ी निगरानी और बढ़ा दी गई है। इन्हें किसी भी तरह से वोटरों और चुनाव एजेंटों को डराने या धमकाने नहीं दिया जाएगा। अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बाहरी तत्वों के जमावड़ा बनने और मतदाताओं के लिए अड़चन पैदा करने की संभावनाओं वाले क्लबों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। रात में भी यहां की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाएगी।

जेल में बंद असामाजिक तत्वों, विचाराधीन कैदियों या जेल में सजा काट रहे अपराधियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। उन्हें बाहरी असामाजिक तत्वों से मिलने नहीं दिया जाएगा। इससे वे अपनी घातक गतिविधियों को अंजाम नहीं दे सकेंगे। बहरहाल  भी हो लेकिन राज्य में आखिरी चरण के मतदान से पहले और मतदान के दौरान आयोग के उक्त रुख को देखकर कहा ही जा सकता है कि देर आयद दुरुस्त आयद।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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