विपक्ष ने सीेएम के बयान को दुर्भाग्यजनक करार दिया

उठाया उनके विदेशयात्रा पर भी सवाल 

कोलकाता। जहां शनिवार देर रात बागड़ी मार्केट की पांच मंजिला इमारत में लगी आग तीसरे दिन भी खबर के लिखे जाने तक नही बुझ सकी थी। मंगलवार को भी राहत कार्य जारी दिखा तो वहीं इस मार्केट से जूड़े व यहां के व्यवसायिय़ों को मानवता के तहत मदद कर रहें लोगों में आज घटना स्थल पर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उक्त बयान पर गुस्सा व रोष प्रकट करते पाया कि जब सीएम ने कहा था कि व्यवसाय के नाम पर यहां गुण्डागर्दी हो रही थी। राज्य के सीएम के उक्त बयान की राजनीति के गलियारों में भी कई स्तर पर निंदा की जा रही है। उनके बयान को हताशा पूर्ण व दुर्भाग्य जनक कहा जा रहा है। बड़ाबाजार के कई कारोबारियों ने उक्त मामले पर आज कहा कि जब पहाड़ में विमल गुरुंग के लोगों ने सीएम के मंत्रीमंडल के लोगों को घेर लिया था तो उन्होंने पुलिस नहीं सेना की मदद ली थी। क्या इस लिये की सवाल मंत्रियों की सुरक्षा का था। आपदा या हादसा होने पर सीएम को सेना की नहीं पुलिस पर ज्यादा भरोसा होता है। आखिर यह कैसा दोहरापन है।मार्केट में लगी आग के दौरान अगर तुरंत सेना की मदद ली जाती तो शायद मार्केट में अगलगी की तस्वीर कुछ अलग ही दिखती। बागड़ी मार्केट के कुछ कारोबारियों ने कहा कि शांतिप्रिय कारोबारियों को गुण्डे की कहना कहां तक जायज है। जब हमे बिना कोलकाता नगर निगम से व्यवसाय के लिये ट्रेड लाईंसेंस दिया गया तब क्या व्यवस्था सो रही थी या फिर हमे आग के नाम पर नाकामी छुपाने के लिये बलि का बकरा बनाया जा रहा है। मामले पर माकपा नेता व नगर निगम के पूर्व एमआईसी फैयाज अहमद खान ने कहा कि ममता बनर्जी का हाल नीरो की तरह दिख रहा है। जब रोम जल रहा था तब नीरो बंसी बजा रहा था।’ आखिर उनसे उम्मीद ही क्या की जा सकती है। महानगर में माझेरहाट पुल व बागड़ी मार्केट आग की इतनी बड़ी घटना घटी और वह विदेश दौरे पर हैं। उन्हें सेना से लगता है कि एलर्जी है। जब वाममोर्चा का दौर था तब नंदराम मार्केट अगलगी में हमने सेना की मदद ली थी। आज वह कारोबारियों को गुण्डा कह रही है। दरअसल वह हमेशा अपने आस पास सिण्डीकेट चलाने वाले गुण्डों से घिरी रहती है। शायद इसलिये उनकी जुबान इतनी कड़वी हो गयी है।एक तरफ व्यवसायी मोदीजी के जीएसटी से परेशान हैं तो दुसरी ओर राज्य में लोग सत्ताधारी पार्टी के गुण्डों से। प्रदेश भाजपा के ओबीसी मोर्चा के राज्य सचिव सत्यजीत गुप्ता ने कहा कि सीेम का इस तरह का गैर जिम्मेदाराना व अमानवीय बयान निंदनिय है। नाकामी को छुपाने के लिये आज वह कारोबारियों को ही गुण्डा करार दे रही है। पहले वह ठीक से देखें की पूरे राज्य में आम लोग किस कदर उनके ही पार्टी के कथित गुण्डों का शिकार हों रहें हैं। पहले वह खुद की आत्मा में झांके उन्हें पता चल जाएगा।
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