पुल हादसे से पूजा आयोजक दर्शनार्थियों के आगमन पर चिंतित
आज मुख्यमंत्री के साथ हो सकती है ‘फोरम फॉर दुर्गोत्सव’ की बात

जगदीश यादव
कोलकाता। माझेरहाट हाट पुल हादसे के बाद बेहाला सहित ठाकुरपुकुर से लेकर दक्षिण चौबीस परगना के दुर्गा पूजा कमेटियों के लोगों में अब निराशा का पुट देखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि इस पुल हादसे के बाद सबसे ज्यादा नकरात्मक प्रभाव बेहाला के बेहाला के दुर्गा पूजा कमेटियों पर पड़ेगा।पुल हादसा के बाद से बेहाला सहित सहित ठाकुरपुकुर से लेकर दक्षिण चौबीस परगना में आयोजित होने वाले दुर्गा पूजा कमेटियों को अब प्रयोजकों के लाले पड़ सकते है। कारण उक्त क्षेत्र पुल हादसे के बाद महानगर से जैसे कट गया हो।खबरों की माने तो अब दुर्गा पूजा कमेटियों के आयोजन को प्रयोजित करने वाली कंपनियां बेहाला के पूजा आयोजन से बिदक रही है। इन्हें लग रहा है कि पुल हादसे के कारण यातायात के अभाव के कारण एकदम कम दर्शनार्थी यहां आएगें। बेहाला निवासी व पुरुस्कार बितरण करने वाली एक मीडिया के जज व सामाजिक कर्मी एस. भौमिक की माने तो इस साल पूजा के दिनों में अपने पंडालों में आने वाले लोगों को लेकर चिंतित है। कम से कम बेहाला को शहर के हिस्सों से जोड़ने वाला एकमात्र माझेरहाट पुल का ध्वस्त हो जाना बेहाला की दुर्गा पूजा कमेटियों के लिये चिंता की बात है। एस. भौमिक की माने तो जब एकदम कम दर्शनार्थी यहां आएगें तो कोई क्यों यहां की पूजा कमेटियों को आर्थिक तौर पर प्रयोजित करेगा। ठीक इसी तरह की चिंता भाजपा से विधायक के उम्मीदवार रहें व समाजसेवी चंद्रभान सिंह ने भी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इसमे दो राय नहीं है कि पुल हादसे के कारण उत्पन्न स्थिति से बेहाला में कम दर्शनार्थी आएगे व पूजा कमेटियों को प्रयोजकों का अभाव हो सकता है। वहीं मामले पर 370 दुर्गा पूजा कमेटियों के एक मंच ‘फोरम फॉर दुर्गोत्सव’ के चेयरमैन नीतीश साहा बताया कि पुल हादसे के बाद लोगों में दहशत है और इस साल बेहाला में एकदम कम दर्शनार्थी आएगें। हमलोग चिंतित है आज यानी सोमवार को राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ फोरम की बात हो सकती है कि कैसे व कितना जल्द हो पुल की मरम्मत का काम हो सके। केवल बेहाला में 30 से अधिक बड़े पूजा का आयोजन होता है।

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