कोलकाता। दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट अभियान के दौरान पश्चिम बंगाल के तीन पर्वतारोही में लापता दो लोगों के शरीर का पता चला है। पर्वतारोही सुभाष पाल  व सुनीता हाजरा को चार स्थानीय शेरपाओं ने अचेत तौर पर बरामद किया है। लेकिन दो और पर्वतारोहियों का पता नहीं चल सका है। उक्त जानकारी के बाद सुनीता के पति सुदेस नेपाल रवाना हों गये हैं।

बताया जा रहा है कि राज्य के छह पर्वतारोहियों ने एवरेस्ट पतेह किया था। वहीं शनिवार की सुबह से ही उनसे बेस कैंप का संपर्क टूट गया। इसके बाद से ही  पर्वतारोही गौतम घोष, परेश नाथ और सुनीता हाजरा बताये गये हैं के बारे में कोई जानकारी तक नहीं मिल रही थी।  माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई में उनके साथ बंगाल के अन्य पर्वतारोही भी साथ थे।  बताया गया है कि अचानक तीन पर्वतारोही अपने दल से बिछड़ गये। सूत्रों के अनुसार दुर्गापुर के रहनेवाले परेश नाथ दिव्यांग हैं।  बचपन में एक हादसे में उन्हें एक हाथ गंवाना पड़ा था। सिलाई की दुकान से उनके परिवार का गुजर-बसर चल रहा है. पर्वतारोहण की शुरुआत वर्ष 1988 से हुई थी. गौतम घोष बैरकपुर के रहनेवाले हैं,जबकि सुनीता हाजरा का निवास बारासात में है।

ज्ञात रहे कि विगत 19 मई को करीब 8,167 मीटर की ऊंचाई पर स्थित ध्वलागिरि चोटी पर झंडा गाड़ कर लौटने के दौरान बंगाल बरानगर के निवासी  पर्वतारोही राजीव भट्टाचार्य की मौत हो गयी थी।

वहीं मलय मुखर्जी ने शनिवार सुबह लगभग छह बजे माउंट एवरेस्ट पर फतेह हासिल की।  मलय चटर्जी हाट थाना अंतर्गत भट्टाचार्य पाड़ा के रहनेवाले हैं।

 

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