हादसा या साजिश पर चर्चा का दौर शुरु
गिर सकती है कई भाजपा नेताओं पर गाज
एडीजी आईबी, आईजी, एसपी व फारेसिंक की टीम की जांच शुरु

कोलकाता। राज्य के मेदिनीपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान हुए टेंट हादसा में लगभग 91 लोगों के घायल होने की घटना को केन्द्रीय भाजपा हल्के में नहीं ले रही है। खबर है कि पीएम के भाषण के दौरान टेंट हादसे व घायलों की भारी संख्या पर प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर गृह मंत्रालय ही नहीं बरन केन्द्रीय भाजपा की त्यौरियां चढ़ गई है। राजधानी नई दिल्ली व भाजपा सूत्रों की माने तो मामले की गंभीरता के तहत भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित साह ने आज सुबह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष को फोनकर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।

        ‘संतोष कुमार ने विशेष बातचीत में बताया कि हादसे के दौरान वह सहम गये थें। समझ में नहीं आ रहा था कि वह लोग क्या करे। बचाव कार्य के दौरान पार्टी के तमाम समर्थक कर्मी व नेता व पुलिस कर्मी भी भाग खड़े हुए थे। लेकिन जहां इतने सारे लोगों की जिन्दगी का सवाल हो तो भला कैसे खुद को रोका जा सकता था’

ऐसे में प्रदेश भाजपा के बीच सन्नाटा भी पसरा हुआ है। प्राथमिक तौर पर हादसे में लापरवाही की बात सामने आ रही है। वहीं देश भर में इस घटना के जानकारी होने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है और सम्भव है कि कथित लापरवाही के मामले पर प्रदेश भाजपा के कई आला नेताओं पर गाज गिरे तो हैरत की बात नहीं होगी। कयास तो साजिश के भी लगाये जा रहे है जिसे अंजाम देने में किसी का भी हाथ हो सकता है। हलांकि आज एक जांच में फारेसिंक की टीम ने मामले पर प्राथमिक तौर पर डेकोरेटर की लापरवाही भी मान रही है। साफ कहें तो लापरवाही की बात फारेसिंक की टीम मान रही है लेकिन साफ तौर पर कुछ कहना मुश्किल है और जांच हो रही है। इस दिन सुबह घटना स्थल पर एडीजी आईबी (पश्चिमांचल) सिद्धीनाथ गुप्ता, आईजी (पश्चिमांचल) राजीव मिश्रा, पुलिस अधीक्षक आलोक राजोरिया, व फारेसिंक की टीम ने आकर जांच कार्य को रफ्तार दिया।साथ ही डेकोरेटर के खिलाफ आईपीसी 308, 337,338 के तहत गैर इरादतन हत्या, लापरवाही के तहत जन जीवन को खतरे में डालना सहित हादसे में गंभीर तौर पर घायल लोगों के प्रति लापरवाही के आरोप दर्ज किये गये है। इधर घटना स्थल पर बचाओ व राहत कार्य में कूूद कर तमाम घायलों की मदद करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समर्थक व पार्टी के कर्मी संतोष कुमार ने विशेष बातचीत में बताया कि हादसे के दौरान वह सहम गये थें। समझ में नहीं आ रहा था कि वह लोग क्या करे। बचाव कार्य के दौरान पार्टी के तमाम समर्थक कर्मी व नेता व पुलिस कर्मी भी भाग खड़े हुए थे। लेकिन जहां इतने सारे लोगों की जिन्दगी का सवाल हो तो भला कैसे खुद को रोका जा सकता था। जो लोग टेंट के नीचे दिख रहें थों उन्हें तुरंत बचाया गया लेकिन काफी लोग टेंट के नीचे घायल अवस्था में थें और ऐसे लोगों की सांसे फूल रही थी उन्हें अक्सिजन नहीं मिल पा रहा था अगर इन्हें बाहर निकलने में देर होती तो हो सकता है कि वह लोग मौत की गिरफ्त में चले जाते।

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