तृणमूल के साथ गठबंधन पर राज्य अध्यक्ष का ऐतराज

कोलकाता। एक बार फिर सोनिया गांधी प्रदेश कांग्रेस के कारण दुविधा की स्थिति में है। कारण प्रदेश कांग्रेस ममता – सोनिया गांधी के कथित गठबंधन की राह मों रोड़ा बन गई है। ऐसे में राज्य में ममता बनर्जी व सोनिया गांधी के राजनीतिक दोस्ती पर तलवार लटकती दिख रही है। बता दें कि नीति आयोग की बैठक के लिए गत 17 जून को दिल्ली पहुंची पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व सत्तारूढ़ तृणमूल की सुप्रीमो ममता बनर्जी से कांग्रेस उपाध्यक्षा सोनिया गांधी के विशेष दूत अहमद पटेल ने मुलाकात की थी। करीब 01 घंटे तक दोनों के बीच बैठकर हुई थी, जिसके बाद यह दावा किया गया था कि 2019 लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को रोकने के लिए कांग्रेस और तृणमूल मिलजुल कर काम करेंगे। इसकी वापसी के रूप में राज्यसभा में तृणमूल का उपाध्यक्ष बनाने में कांग्रेस मदद करेगी। अब कांग्रेस आलाकमान की यह कोशिश प्रदेश कांग्रेस की वजह से विफल होती दिख रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को चिट्ठी लिखकर ममता बनर्जी को दरकिनार करने की सिफारिश की है। अधीर ने चिट्ठी में साफ किया है कि राज्य में तृणमूल के लोगों ने ना सिर्फ आम जनता को ठगा है, बल्कि कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं की हत्या की है एवं तृणमूल की वजह से कांग्रेस कर्मियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। ऐसे में राष्ट्रीय स्तर पर ममता बनर्जी के साथ पर होने पश्चिम बंगाल में बहुत गलत संदेश जाएगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि आगामी 2021 में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में एवं 2019 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल को दरकिनार कर आधिकारिक तौर पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) से गठबंधन किया जाए। बहरहाल प्रदेश कांग्रेस के उक्त रुख का कांग्रेस आला कमान द्वारा क्या तोड़ निकाला जाएगा यह तो वक्त ही बताएगा।
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