पार्टी नेताओं को भी लगाई कड़ी फटकार 

पार्टी में जारी गुटबाजी पर भड़की सीएम हुई सख्त

कोलकाता।  राजनीति में एक दुसरे के खिलाफ किचड़ उछालना ही लगता है कि अब विडम्बना बन गई है। अभी तक तो प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष जुबान से विष वमन कर रहें थें। लेकिन अब उनके कतार में राज्य की सीएम भी शामिल हों गई हैं।तृणमूल की कोर कमेटी की बैठक में उन्होंने भाजपा को आतंकी संगठन करार दे दिया। भारतीय जनता पार्टी पर आज सीएम ममता बनर्जी ने बड़ा हमला किया है।  तृणमूल की कोर कमेटी की बैठक में उन्होंने भाजपा को आतंकी संगठन का तकमा दे दिया। मुख्यमंत्री इस दिन तृणमूल कांग्रेस की विस्तारित कोर कमेटी की बैठक में बोल रही थीं। ममता बनर्जी ने कहा कि अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ‘भाजपा की तरह एक आतंकवादी संगठन नहीं है।’ उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया, ‘न केवल ईसाइयों और मुसलमानों को बल्कि हिंदुओं के बीच झगड़े कराने का काम भाजपा कर रही है।’ ममता ने चुनाव के दौरान संदिग्ध ईवीएम छेड़छाड़ का भी जिक्र किया और कहा, ‘भाजपा लोगों को परेशान कर रही है। कृपया सावधान रहें कि भाजपा ईवीएम के साथ छेड़छाड़ कर रही है। अगले तीन-छह महीनों में चुनाव होगा अतः कृपया सावधान रहें।’ नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित विस्तारित कोर कमेटी बैठक में सभी स्तर के पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने भाजपा की तुलना आतंकी संगठन से की। उन्होंने कहा कि वे न सिर्फ ईसाई, मुस्लिमों को लड़वा रहे हैं बल्कि हिंदुओं के बीच भी नफरत फैला रहें है। इस बैठक में पंचायत चुनाव के परिणाम की समीक्षा करते हुए पार्टी नेताओं को भी कड़ी फटकार भी लगाई। साथ ही पार्टी में जारी गुटबाजी खत्म करने के लिए कई जिलों के नेताओं को कड़़ी सख्त चेतावनी दी। साथ ही पार्टी में अनुशासन लाने के लिए कई निर्देश भी दिए।ममता इससे पहले भी कई मौकों पर भाजपा की मुखर आलोचना करती रही हैं। ममता का यह बयान ऐसे समय में आया है जब मंगलवार को ही पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा था अगर हमारी सरकार आती है तो हम अपने कार्यकर्ताओं की हत्या का बदला लेंगे।उन्होंने आगे कहा था, ‘भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस के लिए सहिष्णु होने के लिए बॉन्ड पर हस्ताक्षर नहीं किया है और वे परेशान करने वाले लोगों के खिलाफ हिंसा और गोलियों के साथ जवाबी कार्रवाई करेंगे। हर कोने में मृत शरीर होंगे। कोई भी नहीं बच पाएगा।’आपको बता दें कि पिछले महीने राज्य में हुए पंचायत चुनाव के दौरान जमकर हिंसा हुई थी। इस हिंसा में बीजेपी और टीएमसी दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं की मौत हुई थी। यहीं नहीं भाजपा के दो दलित कार्यकर्ताओं की पुरलिया में हत्या कर कर उनके शव टांग दिए गए थे। जिसके बाद बीजेपी ने ममता के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन किए थे। इसी तरह का एक और मामला कूच बिहार जिले का आया था जहां एक बीजेपी समर्थक को कथित तौर पर तृणमूल समर्थकों ने गोली मार दी थी।
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