पुरुलिया। प्रसिद्ध “हारूप मेला” आज से शुरु हो गया है। झारखंड के तिरुलडीह थाना से सटे पश्चिमी बंगाल के हारूपडी में विशाल मेला का आयोजन शुरु हुआ । वैसे 14 जून से हीं जागरण के साथ पूजा अर्चना प्रारंभ हो गयी है।जनजाति रिवाज अनुसार मेला परिसर में स्थित इड़गुनाथ मंदिर में ब्राह्मण प्रथा नहीं है। गांव के नाया पूजा- पाठ सम्पन्न कराता है। 14 जून को दिनभर पूजा अर्चना के बाद शाम होते ही छऊ नृत्य का दौर प्रारंम्भ होता है जो लगातार रातभर चलता है।सुबह होते ही जलार्पण की लम्बी कतार लग जाती है। दिनभर मेला के साथ -साथ जलाभिषेक का कार्यक्रम होता है । विशेषकर विवाहित युवतियां पुत्र प्राप्ति की कामना के साथ जल चढ़ाती हैं।“हारूप मेला” में पके आम का भंडार रहता है। यहां विभिन्न किस्म के रसीले व स्वादिष्ट आम खासे सस्ते पाये जाते हैं जिस कारण यह मेला आम मेला के नाम से भी प्रचलित है । हारूपडी गांव के नाम से “हारूप मेला” व इड़गुनाथ बाबा के नाम से “इड़गुनाथ मेला” के नाम से प्रचलित है।इड़गुनाथ नंगा बाबा हैं जो अति प्राचीन खण्डहर नुमा चौकुना मंदिर पर अवस्थित हैं। चौकुना चाहरदिवारी का निशान व चारकुनिया तालाब स्थित है जिसके कारण शोधकर्ताओं का मानना हैं कि यहां कभी जैन धर्म के अनुयायी लोगों का निवास स्थान रहा होगा और इसे जैन मूर्ति माना है।जैनियों के इस मंदिर को बाद में इड़गुनाथ मंदिर के नाम से जाना गया और बुड़ा बाबा का दर्जा दिया गया। इस मेले को देखने मन्नत मांगने व जलाभिषेक के लिए पूर्वी सिम्भूम जिले के घाटशिला, बहरागोड़ा, बोड़ाम, चाकुलिया, रांची के बुंडू, तमाड़, सहित राज्य व झारखंड के विभिन्न जगहों से लोगों मेला देखने पहुंचते हैं।

Spread the love
  • 1
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
    1
    Share
  •  
    1
    Share
  • 1
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •